जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर और मंडला के बीच जहां एक ओर सरकार चुटका परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाने की तैयारी कर रही है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय जनता के बीच इस प्रोजेक्ट के विरोध में हैं। शुक्रवार को इस प्रोजेक्ट से जुड़े अफसरों का ग्रामीणों ने न सिर्फ विरोध किया बल्कि उन्हें खदेड़कर गांव से बाहर कर दिया। बवाल के बाद कलेक्टर मौके पर पहुंचे और उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत की।

दरअसल, एनपीसीआईएल और जिला कलेक्टर मंडला के साथ अन्य प्रशासनिक अधिकारी दोपहर शाम 4 बजे बाद चुटका पहुंचे थे। कलेक्टर के आने से पहले नारायणगंज के जनपद सीईओ और चुटका परियोजना के लोग आ गए थे। उन्होंने पंचायत सचिव को हरी झंडी निकालने को कहा तो वहां उपस्थित लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। लोगों ने कहा कि हम परियोजना का विरोध कर रहे हैं और आप परियोजना को हरी झंडी दिखाने आए हैं। लोगों इस हंगामे की जानकारी कलेक्टर और एसपी मंडला को मिलने पर उन्होंने आने के बाद कहा कि मैं आप लोगों से मिलने आया हूं। परियोजना की बात नहीं करने आया हूं।

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इस दौरान कलेक्टर ने लोगों से कहा कि पुनर्वास स्थल ठीक नहीं बना है। मैं यह बात भोपाल में वरिष्ठ अधिकारी को बताउंगा। सामाजिक कार्यकर्ता दादु लाल कुङापे जी ने कलेक्टर से कहा कि इस माह फसल काटने के बाद महुआ चुनेंगे और फिर तेंदूपत्ता तोङेगें। यह सब संसाधन हमें मंडला के पास बनाए गए बसाहट स्थल के पास नहीं मिलने वाला है। कलेक्टर ने इस बात को जनता के बीच स्वीकार किया है।

दादु लाल कुङापे ने गांव की ओर से बात रखते हुए कहा कि गोंझी में बनाया गया पुनर्वास स्थल हमारे रहने के हिसाब से बहुत ही छोटा है। दूसरा ग्राम पंचायत पाठा के अन्तर्गत चुटका की ग्राम सभा ने दिनांक 16 मार्च 2012 को 26 मांगों की शर्तें पूरी हाने पर इस परियोजना की सशर्त मंजूरी दिया था। जिसमें पहला मांग है कि अर्जित भूमि का मुआवजा 60 लाख रुपये हेक्टेयर दिया जाए। जो नर्मदा घाटी में सरदार सरोवर बांध के किसानों को उच्चतम न्यायालय के आदेश पर दिया गया है। प्रत्येक विस्थापित परिवार को कृषि योग्य 5 एकङ जमीन दिया जाए। समस्त विस्थापित परिवारों के वयस्क बेरोजगार युवक और युवती को उसकी योग्यता के अनुसार शासकीय नौकरी प्रदान की जाए। 

दादु लाल कुङापे ने कहा कि 12 साल बाद भी आजतक इस पर अमल नहीं किया गया है। मांग पूरी नहीं होने तक हमलोग गांव नहीं छोङने वाले हैं। इस पर कलेक्टर ने कहा कि मैं अभी इस संबंध कुछ नहीं बता पाऊंगा। भोपाल में जब बैठक होगी तो इस संबंध में चर्चा करुंगा और दो महीने बाद बता पाऊंगा कि सरकार का क्या कहना है।