गुना। ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक ओर जहां मध्य प्रदेश के सीनियर भाजपा नेताओं द्वारा सैन्यकर्मियों के विरुद्ध शर्मनाक टिप्पणियां की जा रही है। वहीं, दूसरी ओर भाजपा प्रदेशभर में तिरंगा यात्रा भी निकाल रही है। गुना में 17 मई यानी शनिवार को तिरंगा यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। इसे लेकर जिला प्रशासन ने सभी निजी व शासकीय स्कूलों को 200 स्टूडेंट्स भेजने के निर्देश दिए हैं। इसे विपक्ष ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करार दिया है।

शनिवार को होने वाली तिरंगा यात्रा में भीड़ जुटाने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी सीएस सिसोदिया ने 14 मई को बाकायदा लिखित आदेश निकाल कर जिले के सारे सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों से इस रैली के लिए प्रत्येक स्कूल से 200-200 छात्र-छात्राओं को शामिल कराने के आदेश दिए हैं। आदेश में स्पष्ट लिखा है कि स्कूल के स्काउट गाईड, जूनियर रेडक्रास, एनएसएस, एनसीसी और स्पोर्ट्स छात्र छात्राओं को इस रैली में भागीदारी करवाना है। 

आदेश में बोल्ड अक्षरों में लिखा गया कि प्रत्येक विद्यालय से कम से कम 200 छात्र-छात्राओं का कोटा आवंटित किया गया है। इसे लेकर CPIM ने राज्य सरकार की आलोचना की है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने कहा कि जनता के संदेहों का उत्तर देने में अक्षम भाजपा अब सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर भीड़ जुटाने की कोशिश कर रही है। तिरंगा यात्रा के नाम पर भीड़ जुटाने के लिए अब भाजपा प्रशासन पर दबाव बना रही है। 

सिंह ने कहा कि यह कोशिश निंदनीय है और चुनाव आयोग को इसका संज्ञान लेकर कार्रवाई करना चाहिए। माकपा नेता ने आगे कहा कि यह भाजपा की नैतिक और राजनीतिक हार है की सीमा पर हुए सीजफायर के तरीके से जनता में उपजे संदेहों का समाधान करने का साहस नहीं कर पा रही है। इसलिए वह प्रशासनिक मशीनरी को दुरुपयोग कर भीड़ जुटाने की कोशिशों में लगी है।

माकपा ने प्रशासनिक अधिकारियों को भी किसी राजनीतिक पार्टी को मोहरा बनने की बजाय संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने की सलाह दी है। बता दें कि इससे पहले गुरुवार को भोपाल और शुक्रवार को इंदौर में भाजपा द्वारा तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया। जानकारी के अनुसार इंदौर में भीड़ जुटाने के लिए कॉल सेंटर्स से लोगों को कॉल कर यात्रा में अनिवार्य रूप से शामिल होने के लिए कहा जा रहा था।