इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में बीती रात पलासिया थाने के बाहर जमकर हंगामा हुआ। वहां पुलिस ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया। अब इसके बाद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज और गिरफ्तारी की गाज थाना प्रभारी पर गिरी है।

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने टीआई के साथ साथ डीसीपी को भी लाइन हाजिर कर दिया है। इस मामले की जांच एडीजी स्तर के अधिकारी को सौंपी गई है

गुरुवार की रात बजरंग दल और पुलिस के बीच में भारी हंगामे के बाद पलासिया थाने में बजरंग दल के अज्ञात 250 से अधिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। यह केस बलवा सहित अन्य धाराओं में दर्ज किया गया है। धारा 332, 341,188 और 147 की लगाई गई है, ये सभी धाराएं जमानती है। देर रात पुलिस ने 11 लोगों नामजद गिरफ्तार किया, जिन्हे अलसुबह जमानत दे दी गई, ये सभी बजरंग दल के मुख्य पदाधिकारी हैं जिन पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया था ।

इस घटना के बाद से ही प्रदेश की राजनीति में उबाल देखने को मिल रहा है, लाठीचार्ज की वीडियो वायरल होते ही कांग्रेस ने सरकार को आड़े हाथ लिया है। मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने ट्वीट कर लिखा कि “इंदौर में शिवराज सरकार ने बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर जमकर लाठियां चलाईं गई हैं। बजरंग दल अवैध शराब के ठिकानों का विरोध कर रहा था। शराब के मामले में शिवराज समझौता नहीं करते. जो अवैध शराब का विरोध करेगा उसे अधमरा कर दिया जाएगा।

बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस का कोई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर उपस्थित नहीं था, ऐसे में आक्रोशित हुए बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने पलासिया चौराहे पर चक्का जाम कर दिया। पुलिस के मुताबिक मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को चक्का जाम खोलने और हटने के लिए कई बार निर्देशित किया। लेकिन कार्यकर्ता नहीं माने ऐसे में पुलिस ने लाठीचार्ज करते हुए रास्ता खुलवाने का प्रयास किया।