भोपाल। मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट तेज़ हो गई है। शिवराज सरकार द्वारा कमल नाथ सरकार का फैसला पलटे जाने के बाद सोमवार को राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने प्रदेश के तमाम जिलों के कलेक्टरों से साथ बैठक की। इस बैठक में निर्वाचन आयुक्त ने आगामी पंचायत चुनावों को मद्देनजर रखते हुए तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही तीन दिन के भीतर कलेक्टरों से रिपोर्ट भी मांगी गई है। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मीटिंग में निर्वाचन आयुक्त ने कलेक्टरों को पुरानी स्थिति के हिसाब से तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। निर्वाचन आयुक्त ने कलेक्टरों को 2019-20 में किए गए परिसीमन का मिलान कर, विभिन्न क्षेत्रों में हुए परिवर्तन की जानकारी देने के निर्दश दिए हैं। 

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मतदाता सूची में होगा बदलाव 

शिवराज सरकार द्वारा नया अध्यादेश जारी करने के कारण मतदाता सूची पर भी असर पड़ेगा। कमल नाथ सरकार द्वारा किए गए बदलाव के बाद नई मतदाता सूची तैयार की गई थी। लेकिन अब दोबारा 1950 से पहले वाली व्यवस्था के लागू होने के कारण एक बार फिर मतदाता सूची और मतदान केंद्रों को निर्धारित करना होगा। इन तमाम पहलुओं पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास और नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधिकारियों की बैठक भी हुई है। 

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दरअसल शिवराज सरकार ने रविवार शाम को गजट नोटिफिकेशन जारी कर मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज(संशोधन) अध्यादेश-2021 लागू कर दिया। इस अध्यादेश में सितंबर 2019 में कमल नाथ सरकार द्वारा लिए गए उस फैसले को पलटा गया है जिसके जरिए कमल नाथ सरकार ने पंचायतों का परिसीमन कराया था। इस फैसले में 1200 नई पंचायतें बनाई गई थीं, जबकि 102 ग्राम पंचायतों को समाप्त किया गया था। यह परिसीमन 2011 की जनसंख्या के आधार पर किया गया था।