भोपाल। कोरोना टीकाकरण का एक और चरण 1 मई से शुरू होने जा रहा है, इस चरण में 18 साल से उपर के सभी लोगों का टीकाकरण किया जाएगा। इससे पहले स्वास्थ्य विभाग ने एक नई गाइडलाइन जारी की है, जिसमें कहा गया है कि कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति कोरोना से ठीक होने के 4-8 हफ्ते के बाद ही वैक्सीनेशन करवाए। जिससे वह टीकाकरण ज्यादा प्रभावी हो सके।

कोरोना संक्रमितों द्वारा यह सवाल लंबे वक्त से पूछा जा रहा था कि उन्हें कब कोरोना वैक्सीन लगवानी चाहिए, इसे लेकर सरकार ने साफ कर दिया है कि जो लोग कोरोनावायरस की चपेट में आ चुके  हैं वे रिकवरी के कम से कम 4 से 8 हफ्ते के बाद ही वैक्सीनेशन करवाएं। क्योंकि एक बार संक्रमित होने के बाद रोगियों में लक्षण समाप्त होने में इतना समय लग जाता है। ऐसे में एक से डेढ महीने बाद टीका लगवाना ज्यादा कारगर और प्रभावी होगा। इस बारे में मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है।

देशभर में कोविशील्‍ड और कोवैक्‍सीन का टीका लगवा चुके करीब 25 हजार से ज्‍यादा लोग संक्रमित हुए थे। जिनमें से कोवैक्‍सीन की पहली डोज के बाद 4208 और दूसरा टीका लगवाने के बाद 695 लोग कोरोना की चपेट में आए थे।

जबकि कोविशील्‍ड वैक्सीन करीब 11 करोड़ लोगों को लगाई गई थी, जिनमें से  पहली डोज लेने के बाद 17145 और दूसरी डोज लेने के बाद 5014 लोगों में कोरोना का संक्रमण हुआ। गौरतलब है कि कोरोना वैक्सीन की दो डोज़ लगने के बाद टीका पूरी तरह काम करता है। टीका लगवाते समय ध्यान रखना चाहिए की पहली और दूसरी डोज एक ही कंपनी की हो। भारत में कोविशील्ड और  कोवैक्सीन नाम से दो टीके लगाए जा रहे हैं। अगर किसी व्यक्ति को पहला टीका कोविशील्ड का लगा है तो दूसरा भी उसी का लगवाना चाहिए। अगर पहला इंजेक्शन कोवैक्सीन था तो ध्यान से दूसरा भी टीका भी कोवैक्सीन का ही लेना चाहिए।

भारत में बनी दोनों वैक्सीन 80 फीसदी तक प्रभावी हैं, याने 100 में से 20 व्यक्तियों में टीकाकरण के बाद भी कोरोना संक्रमण का जोखिम बना रहता है। वहीं एक बात और काफी महत्वपूर्ण है कि अगर किसी को टीका लगने के बाद कोरोना का संक्रमण हुआ तो भी बीमारी ज्यादा गंभीर नहीं होगी, वहीं रिकवरी भी फास्ट होगी।