भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी के एक सरकारी स्कूल की टीचर द्रौपदी चौकसे ने बच्चों की सुविधा के लिए अपने जीवन भर की जमा पूंजी लगा दी है। द्रौपदी ने स्कूल में अपने पैसों से बच्चों के लिए भोजन कक्ष बनवाया है। उन्होंने यह पहल इसलिए की है ताकि बच्चों को धूप में भोजन न करना पड़े। 

द्रौपदी चौकसे भोपाल के बावड़िया कलां स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की शिक्षिका हैं। स्कूल में सहायक शिक्षिका के तौर पर काम करने वाली द्रौपदी ने एक दिन बच्चों को धूप में भोजन करते देखा तो उनका दिल पसीज गया। उन्होंने तभी तय किया कि वे अपने पैसों से बच्चों के लिए भोजन कक्ष बनवाएंगी। अपने इस संकल्प को पूरा करके उन्होंने एक मिसाल पेश की है।

द्रौपदी चौकसे ने एक हिंदी अख़बार को बताया कि हमारे स्कूल के बच्चे मध्यान्ह भोजन करने में काफी परेशान होते थे। उन्हें तेज़ धूप में बैठकर भोजन करना पड़ता था। कई बच्चे तो धूप के कारण भोजन भी नहीं कर पाते थे। यह सब देखकर एक दिन उनकी आंखों में आंसू आ गए। द्रौपकी के मुताबिक उन्होंने यह बात घर जाकर अपने पति और बेटों को बताई। शिक्षिका के परिवार ने भी बच्चों के लिए भोजन कक्ष का निर्माण कराने के उनके इरादे का समर्थन किया।

इसके बाद शिक्षिका ने स्कूल की प्रिंसिपल गीता वर्मा से बात की। शिक्षिका ने अपने जीवन भर की जमा पूंजी के करीब बारह लाख रुपए स्कूल प्रबन्धन को दे दिए। इन पैसों से 8 महीने के भीतर 1100 स्क्वॉयर फीट का एक कक्ष तैयार हो गया। अब बच्चों को धूप में भोजन नहीं करना पड़ेगा। स्कूल में कुल 288 बच्चे पढ़ते हैं।

द्रौपदी चौकसे की इस सराहनीय पहल की स्कूल की प्रिंसिपल गीता वर्मा ने प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि द्रौपदी बेहद नेकदिल और सरल हृदय की हैं और बच्चों से उन्हें गहरा लगाव है। पहले स्कूल में जगह न होने के कारण बच्चे ठीक से भोजन नहीं कर पाते थे। लेकिन अब नया कक्ष बन जाने की वजह से यह परेशानी दूर हो गई है।