ग्वालियर। कांग्रेस के बागी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज ग्वालियर दौरे पर हैं। ग्वालियर में बीजेपी के संभाग स्तरीय सदस्यता ग्रहण सामरोह में शिवराज सिंह चौहान ने सिंधिया को गद्दार कहने वालों की आलोचना की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में सिंधिया के लिए गद्दार शब्द का प्रयोग करने को अनुचित ठहराया है। 



कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में गए सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का अपने गृह नगर ग्वालियर में पुरज़ोर विरोध हुआ। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गद्दार वापस जाओ के नारे लगाए। सिंधिया का बचावकरते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सिंधिया को गद्दार ठहराने का मतलब उन तमाम बड़े नेताओं को गद्दार ठहराना है जिन्होंने इतिहास में कभी कांग्रेस पार्टी छोड़ी थी।



Click Gwalior: ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ में कांग्रेस का पुरज़ोर प्रदर्शन





मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश की प्रदेश की पूर्वर्ती कमल नाथ सरकार ने जब जनता के वादे पूरे नहीं किए, तब ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके साथियों ने आहत हो कर कांग्रेस पार्टी छोड़ दी। ताकि वे जनता को किया हुआ वादा पूरा कर सकें। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मोतीलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, शरद पवार, प्रणब मुखर्जी, जगजीवन राम जैसे नेताओं ने कांग्रेस छोड़ी थी, तो क्या कांग्रेस इन्हें गद्दार मानती है?





Click Jitu Patwari: ज्योतिरादित्य सिंधिया जनता के गद्दार



कांग्रेस का दुपट्टा पहन लेने से कांग्रेसी माफ नहीं करेंगे 

पीसीसी चीफ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने सिंधिया शिवराज के ग्वालियर कार्यक्रम पर तंज कसा है। सलूजा ने सिंधिया पर हमला बोलते हुए कहा है कि गले में कांग्रेसी दुपट्टा पहनने से कांग्रेसी उन्हें माफ़ नहीं कर देंगे। दरअसल सदस्यता ग्रहण समारोह में ज्योतिरादित्य सिंधिया के आज गले में कांग्रेस के झंडे जैसे तीन रंग का दुपट्टा दिखाई दिया। सिंधिया पूरे कार्यक्रम में उस दुपट्टे को गले में लटकाए दिखाई दिए। सलूजा ने ट्विटर पर सिंधिया की तस्वीर साझा करते हुए कहा है कि श्री अंत जी, गले में दो दुपट्टे नहीं चलेंगे.....यदि भाजपा में गये हो तो हिम्मत दिखाओ , अपनी ट्विटर प्रोफ़ाइल पर लिखो "भाजपा नेता" और गले में कांग्रेस का दुपट्टा नहीं सिर्फ़ भाजपा का दुपट्टा पहनो। क्या सोचते है कि कांग्रेस का दुपट्टा पहनने से कांग्रेसी माफ़ कर देंगे?