भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के युवाओं के लिए एक बड़ी घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने एलान किया है कि मध्य प्रदेश में शासकीय नौकरी अब सिर्फ मध्य प्रदेश के बच्चों के लिए होगी। इसके लिए आवश्यक कानून बनाया जा रहा है।



उन्होंने कहा है कि मध्य प्रदेश के संसाधन मध्य प्रदेश के बच्चों के लिए ही होंगे। प्रदेश में सरकारी नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।



'सिंगल सिटीजन डाटाबेस' होगा तैयार



सरकार प्रदेश के नागरिकों के लिये 'सिंगल सिटीजन डाटाबेस' तैयार कर रही है, जिससे मध्यप्रदेश की जनता को हर योजना के लिये अलग-अलग रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं पड़े। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश के युवाओं को सरकारी नौकरी में प्राथमिकता दी जाएगी। ऐसे वक्त में जब नौकरियां सीमित होती जा रही हैं, प्रदेश के युवाओं के बारे में सोचना हमारी जिम्मेदारी है। इसके लिए सरकार ऐसी व्यवस्था बनाएगी, जिससे प्रदेश के युवाओं को उनकी दसवीं और बारहवीं के परिणाम के आधार पर नौकरी मिल जाए।





भोपाल में कौशल विकास पार्क की होगी स्थापना  



मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने घोषणा की है कि प्रदेश के युवाओं को कौशलयुक्त बनाने की योजना पर काम किया जाएगा। इसके लिए लगभग 600 करोड़ रुपए की लागत से सिंगापुर की सहायता से भोपाल में कौशल विकास पार्क की स्थापना की जाएगी। मुख्यमंत्री ने एक बार फिर दोहराया है कि प्रदेश सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14 प्रतिशत से 27 प्रतिशत करने के लिए अदालत में मजबूती से अपना पक्ष रखेगी। वहीं उन्होने बताया है कि कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन के दौरान 15 लाख प्रवासी मजदूर वापस प्रदेश में लौटे हैं। इनमें से 14 लाख मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने के ध्येय से जॉब कार्ड बनाया गया है।जिसके जरिये अब तक 2,400 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मजदूरी के रूप में श्रमिकों के खातों में भेजी गई है।