भोपाल। घटिया चावल मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सख्ती दिखाई है। मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा से कराने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा है कि किसी भी कीमत में भ्रष्‍टाचार बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा। गरीबों को खराब अनाज बांटने वाला बेनकाब होना चाहिए।

शिवराज सिंह ने अधिकारियों के साथ हुई एक अहम बैठक में इसका निर्णय लिया है। आपको बता दें कि मध्यप्रदेश के आदिवासी अंचल के मंडला और बालाघाट जिलों में बांटे गए चावल की क्वालिटी जांच में बेहद खराब मिली थी। जिसके बाद केन्द्रीय मंत्रालय ने प्रदेश के मुख्य सचिव को एक पत्र लिखकर उन चावलों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए थे। केंद्रीय मंत्रालय ने सरकार पर तंज कसते हुए यहां तक कह दिया था कि इतनी खराब क्वालिटी का चावल इंसान तो क्या जानवर भी नहीं खा सकते हैं।

Click MP: आदिवासियों को बांटा गया चावल जानवरों के खाने योग्य

यह पीडीएस का चावल लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार के कहने पर मध्यप्रदेश सरकार ने बांटा था। केंद्र ने आदेश दिया था कि सभी राज्य गरीबों को राशन वितरित करें। मंडला और बालाघाट गरीब हितग्राहियों ने खराब क्वालिटी के चावल मिलने की शिकायत दर्ज कराई थी।

इसके बाद केंद्र सरकार ने चावलों की क्वालिटी चेक की जिसमें ये चावल खराब क्वालिटी के मिले थे। यह खराब चावल बांटने का मामला उजागर होते ही कांग्रेस शिवराज सरकार पर हमलावर हो गई थी। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने बालाघाट में जिस मैनेजर आर के सोनी को जिला प्रबंधक का प्रभार सौंपा था, वह व्यवसाय शाखा का प्रबंधक नहीं था। वह मूल रूप से फाइनेंस शाखा का मैनेजर था, लेकिन सांठगांठ के चलते उसे जिला प्रबंधक का प्रभार दिया गया था।