सिवनी। आप सोचिए कि एक व्यक्ति कितनी बार मर सकता है। जीवन ख़त्म होने के बाद एक बार? मगर मध्य प्रदेश सरकार की फाइलों में कोई व्यक्ति 19 तो कोई 30 बार भी मर चुका है। यह अजीब विडंबना है कि कोई व्यक्ति मर-मर के सरकारी फाइलों में ज़िंदा हो जाता है। मगर सवाल ये है कि वे किसके फायदे के लिए बार-बार मरते हैं। सिवनी जिले में हुए सर्पदंश घोटाले ने इन कागजी मौतों का खुलासा किया है।

दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार सर्पदंश से मौत पर पीड़ित परिवारों को मुआवजा देती है। यह राशि 4 लाख रुपये होती है। इसी स्कीम का फायदा उठाकर शासन-प्रशासन में बैठे भ्रष्ट लोग सक्रिय हो गए। सिवनी जिले केवलारी निवासी रमेश को फर्जी दस्तावेजों के जरिए सांप काटने से 30 बार मरा दिखाकर मुआवजा लिया गया। इसी तरह राजकुमार की 19 बार सांप काटने से मौत हुई और हर बार उसे मुआवजा भी दिया गया।

सिवनी जिले में हुए इस घोटाले में 47 लोगों को कागजों में बार-बार मृत बताकर सरकारी खजाने का गबन किया गया। इस घोटाले की कुल राशि 11 करोड़ 26 लाख रुपये बताई जा रही है। बलपुर के वित्त विभाग के संयुक्त संचालक की टीम के द्वारा जब सिवनी जिले में सांप के काटने से मिलने वाली आर्थिक सहायता के प्रकरणों की जांच की गई तो ये खुलासे हुए। 

जांच रिपोर्ट के मुताबिक द्वारका बाई नाम की एक महिला को सांप ने 29 बार काटा और हर बार उसकी मौत हुई। इस तरह एक ही महिला के मौत के 29 प्रकरण बनाकर सरकारी खजाने से करोड़ों की रकम निकाली गई। बताया जा रहा है कि यह घोटाला वर्ष 2019 से शुरू हुआ और 2022 तक जारी रहा। जांच में सामने आया है कि मृत व्यक्तियों के नाम पर बिना मृत्यु प्रमाण पत्र, पुलिस वेरिफिकेशन और पीएम रिपोर्ट के भी बिल पास किए जाते रहे। 

एक ही व्यक्ति को बार-बार मरा हुआ दिखाकर फर्जी बिल पास होते रहे, और तीन स्तरों पर होने वाले बिल वेरीफिकेशन के बावजूद किसी को संदेह तक नहीं हुआ। अब इस पूरे मामल की जांच सिवनी कलेक्टर को दी गई है। सर्प दंश के इस घोटाले ने प्रशासनिक व्यवस्था की लापरवाही और भ्रष्टाचार की पोल खोलकर रख दी है। राज्य में हाल ही में हुए चम्मच घोटाला और डामर घोटाले के बाद अब सर्पदंश घोटाले को लेकर मोहन सरकार घिरी हुई है।

कांग्रेस नेता अरुण यादव ने कहा कि मप्र देश में ऐसा राज्य है जहां मृतकों की मौत भी सांप के काटने से हो जाती है। सिवनी जिले में सर्पदंश योजना में 11 करोड़ रुपये का घोटाला भी कर दिया। अभी जांच सिर्फ सिवनी जिले में हुई है प्रदेशभर में होगी तो हड़कंप मच जाएगा।