सागर। नसबंदी का ऑपरेशन करवाने के बाद एक महिला की मौत हो गई। दो बच्चों की मां निकिता बरियाघाट की रहने वाली थी। उसका पति सेल्समैन का काम करता है। आंगनवाड़ी सहायिका के कहने पर उसने बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में नसबंदी का ऑपरेशन करवाया। लेकिन ऑपरेशन के दौरान कोई अंदरूनी नस कट गई और कई कोशिशों के बाद भी महिला को बचाया नहीं जा सका। महिला के पति ने डॉक्टर पर लारपवाही का आरोप लगाते हुए इंसाफ की गुहार लगाई है।

निकिता के पति सौरभ ने अपनी पत्नी की मौत का जिम्मेदार नसबंदी करने वाली डॉक्टर को बताया है। दरअसल 28 जनवरी को सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त निदेशक डॉक्टर शशि ठाकुर ने महिला की नसबंदी की थी। डॉक्टर शशि ठाकुर भोपाल से महिलाओं की नसबंदी करने पहुंची थीं।

नसबंदी के दो दिन बाद 31 जनवरी निकिता की तबीयत खराब होने लगी, जिसके बाद उसे वहां के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती किया। जहां डॉक्टरों ने बताया कि महिला के पेट में गलत नस कट जाने के कारण 3 लीटर खून जम गया है। जिसे डाक्टरों ने दूसरा आपरेशन करके निकाला।

निजी अस्पताल के डॉक्टर ने 31 जनवरी को उसका ऑपरेशन कर ब्लीडिंग रोक दी। लेकिन तब तक उसके शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो गई। आरोप ये भी लग रहा है कि महिला को खून मिलने में भी देरी होती रही। जब तक महिला को खून मिला, तब तक उसके शरीर ने बाहरी खून एक्सेप्ट करना बंद कर दिया था। लगातार बिगड़ती तबीयत के बाद महिला ने मंगलवार को दम तोड़ दिया।

इस बीच नसबंदी करने वाली डॉक्टर शशि ठाकुर का बयान सामने आया है, उन्होंने सफाई दी है कि वे अब तक पचास हजार से ज्यादा नसबंदी कर चुकी हैं, किसी के साथ ऐसी कोई दिक्कत नहीं आई, महिला की मौत किसी अन्य कारण से हुई होगी।