भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने शिक्षक दिवस पर शिक्षक संवाद में प्रदेश के सभी शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा पिछले 15 वर्षों में हमारे मध्यप्रदेश में शिक्षा व्यवस्था में जिस स्तर की प्रगति और सुधार होने चाहिए थे, वैसे नहीं हो पाए। प्रदेश के स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर कोई योजना या नीति पर गंभीरता से विचार नहीं किया गयाl  इन दिनों 13  हजार सरकारी स्कूलों को बंद करने की चर्चा हो रही है। सरकारी स्कूल बंद होना, सरकार की शिक्षा नीति की एक बड़ी असफलता है। ऐसे निर्णय मध्य प्रदेश को आगे बढ़ने से रोकते हैं। नाथ ने सरकार से कहा है कि वह निजी स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों की सुध लें। कोरोना महामारी के कारण लगे  लॉकडाउन की वजह से अभी तक स्कूल शुरू नहीं हुए हैं और शिक्षक संकट में हैं l  

शिक्षक दिवस पर शिक्षकों के नाम पर जारी सन्देश में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि देश के पूर्व राष्ट्रप्रति डॉ. राधाकृष्णन का एक शिक्षक से राष्ट्रपति बनने का सफ़र हम सभी को प्रेरणा देता है। कांग्रेस की सरकार ने शिक्षा का अधिकार कानून बनाया था ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रह सके l कांग्रेस सरकार को काम करने के लिए 11- 12 महीने ही मिल पाए, जबकि जनादेश तो पांच वर्ष के लिये था। इस अल्प कार्यकाल में मेरी सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए बहुत सी योजना पर काम शुरू किया था। मुख्यधारा की शिक्षा के अलावा कौशल विकास, व्यवसायिक और प्रैक्टिकल आधारित शिक्षा पर भी मैं काम कर रहा था। मैं शिक्षा की प्रोफाइल बदलना चाहता था।    

नाथ ने कहा कि आज की पीढ़ी इन्टरनेट की पीढ़ी है। शिक्षा और ज्ञान पाने के माध्यम बदल गए है। आपको इस बदलते  दौर को  समझना होगा। बच्चों में हमारे संविधान और लोकतंत्र के प्रति जागरूकता होनी चाहिए। इसके लिये मैं संविधान की महत्वपूर्ण बातों को सिलेबस में शामिल करने के पक्ष में हूँl 

नाथ ने कहा कि शिक्षकों के सम्मान की परंपरा  को हमे आगे बढ़ाना होगा। मेरी सरकार ने शिक्षकों के लिये “वाल ऑफ फेम” सम्मान योजना शुरू की थी l शिक्षकों के सरकारी सेवाकाल को सुरक्षित बनाने के लिये मैनें कार्य शुरू किया था l मेरा यह कार्य अधूरा रह गया है l