भोपाल। भोपाल नगर निगम के विभागों का बंटवारा हो गया है। विभागों के बंटवारे के बाद भाजपा में गुटबाजी और अंतर्कलह खुलकर सामने आई है। एमआईसी गठन के कुछ घंटे के भीतर ही दो सदस्यों ने गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए अपने विभाग से इस्तीफा दे दिया है।

मेयर इन काउंसिल (MIC) से इस्तीफा देने वालों में वार्ड 54 के पार्षद एमआइसी सदस्य जितेंद्र शुक्ला व वार्ड 64 के पार्षद छाया ठाकुर शामिल हैं। बताया जा रहा है कि दोनों पार्षद गोविंदपुरा विधायक कृष्ण गौर के करीबी हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर इस बारे में लिखा है कि गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र को एमआइसी विभाग आवंटन में महत्व नहीं दिया गया, जिससे गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र के सभी कार्यकर्ता एवं क्षेत्रीय रहवासियों में असंतोष का माहौल है। इसलिए वे महापौर परिषद सदस्य में मिले विभाग से अपना त्यागपत्र दे रहे हैं। 

दोनों पार्षदों ने यह भी कहा है कि गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के सर्वाधिक 17 पार्षद चुनकर आए हैं। एवं मेयर मालती राय को यहां से 64 हजार वोटों की लीड मिली है। छाया ठाकुर को शहरी गरीब एवं उपशमन विभाग और जितेंद्र शुक्ला को वित्त एवं लेखा विभाग दिया गया था। दो एमआईसी सदस्यों के इस्तीफे के बाद राजधानी में सियासी हलचल बढ़ गई है।

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दरअसल, गोविंदपुरा से विधायक कृष्णा गौर स्वयं महापौर का चुनाव लडना चाहती थीं। हालांकि, नियमों का हवाला देकर भाजपा ने उन्हें कैंडिडेट नहीं बनाया। इसके बावजूद मालती राय के समर्थन में उन्होंने खूब प्रचार प्रसार किया। चुनाव जीतने के बाद जब एमआईसी गठन की बारी आई तो मंत्री विश्वास सारंग और विधायक रामेश्वर शर्मा के करीबियों को जगह दी गई। लोक निर्माण, स्वास्थ्य, जलकार्य और ट्रांसपोर्ट जैसे महत्वपूर्ण विभाग मंत्री सारंग के समर्थकों को दिया गया है। इसी बात से कृष्णा गौर नाराज हैं।