उज्जैन। ज़हरीली शराब ने पहले तो लोगों की आंखों की रौशनी छीनकर उन्हें अंधा बना दिया और फिर उन्हें मौत के आगोश में सुला दिया। ज़हरीली शराब पीकर मरने वालों की विसरा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उसमें मेथेनॉल मिला हुआ था, जिसकी थोड़ी सी मात्रा भी अंधा बनाने और तड़पा-तड़पाकर मारने के लिए काफी है।

दैनिक भास्कर अखबार में छपी रिपोर्ट के अनुसार एफएसएल अधिकारी डॉक्टर प्रीति गायकवाड़ का कहना है कि उज्जैन में लोगों ने जो शराब पी, उसमें एथनॉल के साथ मेथनॉल भी मिला था। यह मेथनॉल इंसान के लिए जहर का काम करता है। इस केमिकल का 10 एमएल ही इंसान की आंखों की रोशनी छीनने के लिए काफी है। डॉक्टर प्रीति गायकवाड़ ने बताया है कि मृतकों के पेट में बड़ी मात्रा में एथनॉल के अलावा मेथनॉल पाया गया है।

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शराब में मिले मेथेनॉल का ही असर था कि शराब पीते ही शराबी अंधे हो गए। इससे पहले कि वे कुछ समझ पाते उन्होंने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। मजदूरों ने ज्यादा मात्रा में शराब पी थी, इसलिए उनके शरीर में मेथनॉल का स्तर भी काफी ज्यादा पाया गया। एक्सपर्ट्स का कहना है कि 30 एमएल मेथनॉल किसी की जान लेने के लिए काफी है। आपको बता दें कि शराब से मरने वालों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहरीली शराब से आंखों की रोशनी जाने और मल्टी आर्गन सिस्टम फेल होने की बात कही गई थी।

आपको बता दें कि नानाखेड़ा के रहने वाले दीपक ज्ञानी ने यह बात मानी है कि जहरीली शराब पीने के बाद से ही उसकी आंखों की रोशनी कम हो गई थी। अगले दिन उसने छत्रीचौक पर लोगों को बताया था कि आठ दिन पहले उसने अवैध शराब के तीन पाउच 60 रुपये में खरीदे थे। इलाज करवाने के बाद भी उसकी आंखों की रोशनी ठीक नहीं हुई है।

नए एसपी बोले, सिस्टम बिगड़ा है तो सुधार देंगे

उज्जैन के नए एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल का दावा है कि सिस्टम बिगड़ा है तो सुधार देंगे। पुलिस विभाग में गड़बड़ी करने वालों को किसी कीमत पर बक्शा नहीं जाएगा। पुलिस ने मंगलवार को शराब बनाने और बेचने के मुख्य आरोपी सिकंदर की महिला मित्र निधि कुशवाह को भी गिरफ्तार कर लिया है। महिला पर सिकंदर की मदद का आरोप है। निधि ही उसे अवैध शराब बनाने के लिए स्प्रिट मुहैया करवाती थी। आरोपी कॉन्सटेबल सुदेश खोड़े अब तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है। आपको बता दें कि उज्जैन में 14 और 15 अक्टूबर को जहरीली शराब पीन से 16 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें 13 मजदूर थे।