देवास। बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी करने वाले गिरोह का पुलिस ने  पर्दाफाश किया है। इस गिरोह का एक सदस्य रोहित बैरागी तो पहले ही गिरफ्तार हो चुका था, अब पुलिस ने उसके एक और साथी हर्षल भटनागर को देवास से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को शक है कि एक होटल से बाकायदा फर्जी रोज़गार मंत्रालय चलाने वाले इस गिरोह ने अब तक 40 युवाओं को नौकरी का झांसा देकर करीब 18 लाख रुपए की ठगी की है।

भंवरकुआं पुलिस ने देवास के सिविल लाइन क्षेत्र में दबिश दी, तो हर्षल भटनागर पकड़ा गया। पुलिस को उम्मीद है कि इनसे पूछताछ में कुछ और बड़ा खुलासा भी हो सकता है। हर्षल ने पुलिस को बताया कि रोहित बैरागी के साथ मिलकर उसने कई लोगों को ठगा है। हर्षल ही रोहित के लिए ग्राहक खोजकर लाता था। 

हर्षल भटनागर ने खुलासा किया है कि इनका पूरा काम भोपाल के एक होटल से चलता था। फर्जी आदेश तैयार करने के लिए वे असली आदेशों की कॉपी किया करते थे। पुलिस के मुताबिक भोपाल के एमपी नगर के एक होटल में इन्होंने काफी तामझाम के साथ एक ऑफिस बना रखा था, जिसका इस्तेमाल फर्जीवाड़े के लिए किया जाता था। 

पुलिस के मुताबिक चालीस साल का हर्षल भटनागर कंसल्टेंसी एजेंसी और सामाजिक कल्याण सेवा संस्था चलाता रहा है। इस संस्था के जरिए वह बेरोजगारों को नौकरी दिलाने का झांसा देता था। हर्षल भटनागर बीकॉम पास है और पहले सेंचुरियन बैंक और बिरला इंश्योरेंस कंपनी में काम कर चुका है। हर्षल तकनीकी रूप से काफी माहिर है। देवास के अपने कार्यालय में नियुक्ति के फर्जी आदेश वह खुद टाइप करता था। वह सरकारी आदेशों के पैटर्न की नकल करके हूबहू वैसे ही फर्जी आदेश तैयार करता था। इसके बाद भोपाल के होटल में बने फर्जी ऑफिस से आदेश को आगे बढ़ाया जाता था। आरोपी हर्षल भटनागर के कार्यालय से लैपटॉप तथा प्रिंटर भी जब्त किया गया है।

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के नाम पर ठगी की कई शिकायतें रोहित बैरागी के खिलाफ भंवरकुआं पुलिस को मिली हैं। इसकी जांच पुलिस कर रही है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि उसकी संपत्ति कहां-कहां है। उन सबकी जांच कर उन्हें जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी।

तीन दिन पहले ही पुलिस ने रोहित को पकड़ा था।  भंवरकुआं पुलिस के मुताबिक पैंतीस साल का रोहित बैरागी ने बीएचएमएस किया है और वो होम्योपैथी डॉक्टर है। 2016 में उसकी हरकतों से परेशान होकर पिता ने उसे घर से निकाल दिया था।