नई दिल्ली/पटना। बिहार में मचे सियासी हलचल के बीच श्याम रजक ने एक और चौंकाने वाला दावा किया है। आरजेडी नेता श्याम रजक ने कहा है कि बहुत जल्द ही जेडीयू के 28 विधायक आरजेडी में शामिल होने वाले हैं। श्याम रजक ने कहा कि 17 विधायक तो ऐसे हैं जो किसी भी समय पार्टी में शामिल हो सकते हैं। लेकिन हमने उनसे कहा है कि हम दल बदल विरोधी कानून का उल्लंघन नहीं करना चाहते है, इसलिए विधायकों को 28 की संख्या में आरजेडी में शामिल होना होगा। श्याम रजक ने कहा कि जल्द ही 28 विधायक आरजेडी में शामिल होंगे।

इससे पहले श्याम रजक ने एक हिंदी न्यूज चैनल को बताया कि जिस तरह से अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी ने जेडीयू के 6 विधायकों को अपनी पार्टी ने शामिल कर लिया। उससे जेडीयू के विधायकों में भारी नाराज़गी है। उन्होंने दावा किया कि 17 विधायक इस समय आरजेडी के संपर्क में हैं और वे सभी बिहार की एनडीए की सरकार को गिराना चाहते हैं। हालांकि श्याम रजक ने कहा कि चूंकि दल बदल कानून के तहत उनकी सदस्यता रद्द हो जाएगी, लिहाज़ा आरजेडी 7-8 और विधायकों का इंतज़ार कर रही है। जैसे ही हमारे पास जेडीयू के 25-26 विधायक हो जाएंगे। हम नीतीश कुमार और बीजेपी की सरकार गिरा देंगे। 

क्या है दल बदल कानून

दरअसल इस कानून के अनुसार अगर कोई विधायक रहते हुए किसी दूसरी पार्टी में शामिल होता है तो ऐसी स्थिति में उस विधायक की सदस्यता रद्द हो जाती है। और उसे फिर से चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरना पड़ता है। लेकिन अगर पार्टी के दो तिहाई विधायक दूसरी पार्टी में शामिल हो जाएं, तो ऐसी स्थिति में दल बदल कानून लागू नहीं होता। अभी जेडीयू के पास 43 विधायक हैं। ऐसी स्थिति में आरजेडी को नीतीश कुमार की सरकार गिराकर खुद की स्थाई सरकार बनानी है तो उसे जेडीयू के 26 विधायक तोड़ने होंगे।

हालांकि श्याम रजक के इस दावे को जेडीयू ने कपोल कल्पना बताया है। जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने श्याम रजक के दावे को झूठा बताते हुए कहा है कि यह महज भ्रम फैलाने का प्रयास किया जा रहा है। एनडीए की सरकार बिहार में अपना कार्यकाल पूरा करेगी। 

उधर आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी और उदय नारायण चौधरी कह चुके हैं कि बीजेपी नीतीश कुमार को बिहार में दरकिनार करना चाहती है। उदय नारायण चौधरी ने मंगलवार को ही कहा है कि बीजेपी नीतीश को वैसे ही निगल जाएगी जैसे कोई बड़ी मछली छोटी मछली को निगल लेती है। चौधरी तो बाकायदा नीतीश कुमार को आरजेडी के साथ आने का न्योता भी दे चुके हैं। चौधरी की सलाह है कि नीतीश कुमार को चाहिए कि वे तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बना कर खुद देश में विपक्ष की अगुवाई करके राष्ट्रीय राजनीति करें। 

हालांकि खुद तेजस्वी यादव ने शिवानंद तिवारी और उदय नारायण चौधरी के बयानों को उनकी निजी राय बताया है। तेजस्वी ने कहा है कि नीतीश कुमार के साथ आने का अब कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। लेकिन तेजस्वी के इस बयान से इतना तो साफ है कि अगर भविष्य में नीतीश कुमार के आरजेडी में शामिल होने की संभावना बनती है तो तेजस्वी मुख्यमंत्री पद से कम में नहीं मानेंगे।

दूसरी तरफ तेजस्वी ने हाल ही में यह भी कहा था कि बिहार में अगले साल मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं। इन तमाम बयानों और घटनाक्रमों से यह तो तय है कि आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में काफी कुछ दिलचस्प और अप्रत्याशित घटित होने की गुंजाइश बन रही है।