पटना। बिहार में ज़हरीली शराब पीने के कारण 23 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 14 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। जबकि तीन लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है।ज़हरीली शराब से यह मौतें बीते दो दिनों में हुई हैं। गोपालगंज में 13 और बेतिया में दस लोगों की मौत हो चुकी है।



ज़हरीली शराब के कारण हुई मौतों का यह सिलसिला मंगलवार से ही जारी है। बुधवार शाम तक गोपालगंज में ज़हरीली शराब से आठ लोगों की मौत हो चुकी थी, लेकिन गुरुवार सुबह तक मौतों का यह आंकड़ा 13 पहुंच गया। 



मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गोपालगंज प्रशासन गांवों में ज़हरीली शराब का सेवन करने वाले लोगों को ढूंढ रहा है, ताकि उनका इलाज किया जा सके। इसके लिए प्रशासन लगातार लाउडस्पीकर के ज़रिए एलान कर रहा है। 



बिहार में 2016 से कानून शराबबंदी लागू है। लेकिन राज्य में अमूमन ज़हरीली शराब से लोगों के मरने की खबरें आती रहती हैं। इसी साल ज़हरीली शराब से कम से कम 86 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। गोलामगंज में ही अब तक कम से कम 36 लोगों की मौत ज़हरीली शराब के कारण हुई है। गोपालगंज के ही बहुचर्चित खजूरबानी कांड में 19 लोगों की मौत ज़हरीली शराब के कारण हुई थी। इस मामले में कोर्ट ने 9 लोगों को फांसी की सजा सुनाई थी। जबकि चार लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।





उधर बिहार में ज़हरीली शराब के कारण लगातार हो रही मौतों को लेकर तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर हमला बोला है। तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को शराब माफिया का सरगना करार देते हुए कहा है कि बिहार में बीस हज़ार करोड़ की अवैध और समांतर ब्लैक इकोनॉमी के सरगना को इसका जवाब देना होगा। आरजेडी नेता ने कहा कि उपचुनावों के दौरान खुद सीएम नीतीश कुमार की शह पर उनके मंत्रियों और पुलिस प्रशासन ने स्वयं मतदाताओं के बीच किया।