लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में समाचार एजेंसी पीटीआई के पत्रकार अमृत मोहन की मृत्यु हो गई है। मौत के पीछे की सबसे बड़ा कारण उनका समय पर इलाज न होना बताया जा रहा है। 

48 वर्षीय अमृत मोहन कई दिनों से बुखार से पीड़ित थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार बुखार से पीड़ित अमृत मोहन घर में अकेले ही खुद का इलाज कर रहे थे। बताया जा रहा है कि बुधवार सुबह अमृत मोहन के नाक से खून निकलने पर उन्होंने अपने मित्रों को घर बुलाया था। इसके बाद अमृत मोहन को अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस को फोन किया गया था। लेकिन व्यवस्था इतनी लचर थी कि अमृत मोहन को एम्बुलेंस समय पर लेने नहीं आ सकी।  

एम्बुलेंस को फोन करने के लगभग तीन घंटे बाद वो अमृत मोहन को लेने उनके घर पहुंची थी। तब तक अमृत मोहन अकेले ही मौत से लड़ रहे थे। हैरान करने वाली बात यह है कि उस बीच में लखनऊ के डीएम व अन्य आला अधिकारियों ने भी एम्बुलेंस को फोन किया था। लेकिन एम्बुलेंस वक्त पर नहीं पहुँच सकी। अमृत मोहन अस्पताल ले जाने तक दुनिया को अलविदा कह चुके थे।  

अमृत मोहन की शुरूआती कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि अमृत मोहन खुद के कोरोना से संक्रमित होने की आशंका से घिरे हुए थे। अमृत मोहन लखनऊ में पीटीआई के विशेष संवाददता थे। बीते 24 घंटों में यह दूसरी घटना है जब किसी पत्रकार की मौत हुई हो। इससे पहले  आज तक के संवाददाता नीलांशु शुक्ला भी कोरोना से संक्रमित थे। 30 वर्षीय नीलांशु की कोरोना के कारण कानपूर के अस्पताल में मंगलवार को मौत हो गई।