नई दिल्ली/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की जेल में बलात्कारी आसाराम बापू की फोटो लगाकर कंबल बांटे जाने का मामला सामने आया है। आसाराम शाहजहांपुर की ही लड़की के साथ दुष्कर्म करने का दोषी है। ऐसे में यह पूरा घटनाक्रम विवादों में घिर गया है। हैरान करने वाली बात यह भी है कि जिन लोगों की ओर से जेल में कंबल बांटे गए, वो खुद आसाराम केस में गवाह की हत्या करने के दोषी हैं। 

यह पूरा घटनाक्रम सोमवार का है। शाहजहांपुर जेल में लखनऊ स्थित आसाराम बापू के आश्रम की ओर से कंबल बांटे गए। कंबल में आसाराम की तस्वीर भी लगाई गई थी। हैरानी की बात यह है कि उसी शहर की जेल में आसाराम के नाम के कंबल बांटे गए, जिस शहर की लड़की के साथ आसाराम ने दुष्कर्म किया था। कंबल बांटने वाले भी लोग वही थे जो कि पूरे मामले में गवाहों की हत्या करने के दोषी हैं। दरअसल जेल में कंबल अर्जुन और पुष्पेंद्र नामक व्यक्तियों की ओर से बांटे गए। दोनों ही इसी जेल में बंद रहे हैं और फिलहाल ज़मानत पर बाहर हैं। 

जेल प्रशासन विवादों में 

इस पूरे घटनाक्रम की सूचना मिलने के बाद जेल प्रशासन विवादों में घिर गया है। वो इसलिए क्योंकि इस कार्यक्रम को सरकार कार्यक्रम बनाने में जेल प्रशासन ने कोई कसर नहीं छोड़ी। जेल प्रशासन ने तो बाकायदा एक प्रेस नोट तक जारी कर दिया था, जिसमें कंबल बांटने वालों की सराहना की गई थी। हालांकि बाद में मामले ने जब तूल पकड़ा तो उस प्रेस नोट को सोशल मीडिया से डिलीट कर दिया गया। 

लड़की के पिता ने इस पूरे घटनाक्रम पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है और मामले की जांच कराए जाने की मांग भी की है। उधर जेल प्रशासन की ओर से अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है। जेल प्रशासन ने पूरी तरह से मौन धारण कर लिया है। आसाराम फिलहाल 2013 में शाहजहांपुर की एक लड़की के साथ बलात्कार करने के जुर्म में जोधपुर की जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है।