पटना। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए की नई सरकार के गठन के बाद आज से विधानसभा का पहला सत्र शुरू होने जा रहा है। कोरोना के खतरे को देखते हुए पांच दिवसीय बिहार विधानसभा का सत्र बहुत हद तक बदला-बदला सा नजर आएगा। पिछले सत्र में दिखने वाले आधे से ज्यादा विधायक इस बार विधानसभा में नहीं दिखेंगे, जबकि 105 विधायक पहली बार सदन में सदस्य के तौर पर शामिल होंगे।

बिहार की 17वीं विधानसभा के पांच दिवसीय सत्र के पहले दो दिन सदस्यों के लिहाज से खासे महत्वपूर्ण होंगे, जबकि बाकी तीन दिन विधायी कार्यों को लेकर बेहद अहम रहेंगे। विधानसभा में पहले दो दिनों तक शपथग्रहण का आयोजन होगा। इस दौरान प्रोटेम स्पीकर जीतन राम मांझी सभी सदस्यों को शपथ दिलाएंगे। तीसरे दिन विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। माना जा रहा है कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव विधानसभा अध्यक्ष चुने जाएंगे।

बता दें कि इस बार 243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में 43.2 फीसदी यानी 105 ऐसे विधायक हैं जो पहली बार विधानसभा के सदस्य बने हैं। 98 यानी कि 40.3 फीसदी सदस्य ऐसे हैं, जो पिछली विधानसभा में थे और इस बार भी दोबारा चुनाव जीतकर आए हैं। जबकि 40 यानी 16.46 फीसदी सदस्य ऐसे हैं, जो पिछली विधानसभा में तो सदस्य नहीं थे, लेकिन उससे पहले कभी न कभी विधानसभा में रह चुके हैं। यानी वे बीच में ब्रेक के बाद इस बार फिर से चुनाव जीतकर बिहार विधानसभा में पहुंचे हैं। इन सभी विधायकों को 23 और 24 नवम्बर  यानी आज और कल सदस्यता दिलाई जानी है।

सेंट्रल हॉल में होगा सदन की कार्यवाही

कोविड-19 के प्रभाव को देखते हुए इस बार बिहार विधानसभा का सत्र पांचों दिन विस्तारित भवन स्थित सेंट्रल हॉल में होगा। राज्यपाल के अभिभाषण समेत सारी गतिविधियां यहीं पर होंगी। शपथ ग्रहण के कारण पहले दो दिन सदस्यों के बैठने की सामान्य व्यवस्था रहेगी। बाकी तीन दिन अध्यक्ष के आसन के दायें सत्तापक्ष और बायें विपक्ष के सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी। विधानसभा के पुराने हॉल में 26 और 27 को विधान परिषद की कार्यवाही चलेगी।

पांच भाषाओं में शपथ ले सकेंगे सदस्य

बता दें कि बिहार विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों के लिए पांच भाषाओं में शपथ लेने की व्यवस्था की गई है। ये पांच भाषाएं हैं हिन्दी, अंग्रेजी, मैथिली, उर्दू और संस्कृत। सदस्य इनमें से किसी भी एक भाषा में शपथ ले सकते हैं। विधानसभा सचिवालय ने सभी पांच भाषाओं में शपथ की कॉपी तैयार करवाई है। जानकारी के मुताबिक हिन्दी और मैथिली में ज्यादा विधायकों के शपथ लेने की उम्मीद है। कोरोना के कारण शपथ लेने के बाद सदस्य अध्यक्ष से हाथ नहीं मिला सकेंगे, बल्कि हाथ जोड़ अभिभावदन करेंगे और आगे बढ़ जाएंगे।