नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का सरोजिनी नगर मार्केट देश का ही नहीं बल्कि एशिया के मशहूर मार्केट्स में से एक है। यहां अच्छी क्वालिटी के कपड़े काफी कम कीमत में मिलते हैं। यही कारण है कि की दिल्ली में महिलाओं की शॉपिंग करने की ये बेस्ट जगह है। हमेशा गुलजार रहने वाले इस मार्केट के इन दिनों बुरे दिन चल रहे हैं। यहां कुछ दिनों में ही एक साथ दुखों के दो-दो पहाड़ टूट चुके हैं बीती रात सरोजिनी नगर मार्केट में आग लगी थी, जिससे काफी नुकसान हुआ। इस बीच पहले से परेशान दुकानदार एनडीएमसी के बुलडोजर एक्शन से पस्त हो गए।
सरोजिनी नगर मिनी मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक रंधावा ने बताया कि शनिवार और रविवार की आधी रात को एनडीएमसी की ओर से तोड़फोड़ की गई। इस कार्रवाई में बड़ी दुकानों और मिनी मार्केट्स को नुकसान पहुंचा है, यहां तक कि छतें भी तोड़ दी गई हैं। उन्होंने पूछा कि आधी रात को यह कैसी कार्रवाई हो रही है? उन्होंने कहा कि एनडीएमसी को कोई कार्रवाई करनी थी तो नोटिस दे सकते थे। लेकिन, बिना नोटिस के यह कार्रवाई कितनी ठीक है?
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अशोक रंधावा ने बताया कि सरोजिनी नगर मार्केट साल 1992 में शुरू हुई। इस वक्त यहां करीब 550 दुकानें हैं। सुप्रीम कोर्ट की ओर से बने थरेजा एसोसिएशन की सिफारिश पर करीब 125 लोगों को परमानेंट दुकानों की परमिशन दी गई। एनडीएमसी ने इनकी स्टॉल लगवाई और उनसे किराया भी लिया जाता रहा। धीरे-धीरे ये स्टॉल वाले लोग इसी मार्केट का हिस्सा हो गए।
रंधावा कहते हैं कि इस मार्केट में मेन दिक्कत है यहां तीन गुना ज्यादा अनऑथराइज्ड रेड़ी-पटरी वालों का होना, जिनके पास कोई डॉक्यूमेंट और परमिशन नहीं है. लेकिन एनडीएमसी के एक्शन में उन पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई बल्कि मिनी मार्केट्स को नुकसान पहुंचा। दुकानदारों का कहना है कि एनडीएमसी की ओर से जो कार्रवाई की गई, उससे हमारी दुकानों को नुकसान हुआ है। दुकानदारों का कहना है कि एनडीएमसी की ओर से इस कार्रवाई में करीब 500 दुकानों को नुकसान पहुंचाया गया है। वहीं, एनडीएमसी के हवाले से बताया गया है कि अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई है। एनडीएमसी की कार्रवाई के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था।