नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र से पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल में विस्तार हो सकता है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल को डेढ़ साल से ज़्यादा का समय बीत चुका है लेकिन अब तक मंत्रिमंडल में विस्तार नहीं हुआ है। चर्चा है कि मोदी मंत्रिमंडल में इस बार जेडीयू को शामिल किए जाने के आसार हैं।

बिहार चुनाव में एनडीए जैसे तैसे बहुमत के आंकड़े को छू पाया है। जेडीयू के खिलाफ मिले जनादेश पर बीजेपी ने अपने प्रदर्शन से पर्दा डाल दिया है। बदले हालात में बीजेपी अब बिहार में बड़े भाई की भूमिका में है। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि बिहार के शासन पर अब बीजेपी अपना दबदबा बनाने के मूड में है। ऐसे में समीकरण कुछ ऐसा बन सकता है कि मोदी सरकार जेडीयू के नेताओं को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह देकर बिहार की सरकार का ज़्यादा नियंत्रण अपने पास रखेगी। 

हालांकि बिहार में शपथ ग्रहण लेने से पहले ही यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि बीजेपी बड़े भाई की भूमिका में होने के बावजूद नीतीश कुमार को ही मुख्यमंत्री बनाएगी। लेकिन सरकार में नीतीश का वो कद नहीं रहेगा जो पहले हुआ करता था। उधर केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में भी ज़्यादातर नेता बीजेपी के ही हैं। कई नेता एक से ज़्यादा विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। ऐसे में ज़ाहिर है कि बीजेपी गठबंधन धर्म का पालन करते हुए गैर बीजेपी नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह देगी। 

केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन और अकाली दल नेता हरसिमरत कौर के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल बीजेपी तक ही सिमट गया है। रिपब्लिकन पार्टी के मुखिया रामदास आठवले ही एक मात्र गैर भाजपाई मंत्री मोदी सरकार में बचे हैं। ऐसे में बीजेपी अपने गठबंधन को मजबूत करने के इरादे से गैर बीजेपी दलों के नेताओं को नए मंत्रिमंडल में जगह देगी। कुछ वरिष्ठ बीजेपी नेताओं को भी मोदी मंत्रिमंडल में जगह दिए जाने की संभावना है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मंत्रिपरिषद में उन नेताओं को जगह मिल सकती है, जिन्हें जेपी नड्डा की टीम में शामिल नहीं किया गया है।