नई दिल्ली/पटना। केंद्र में पशुपति पारस को मंत्री बनाए जाने के बाद से ही बिहार की सियासत को नई दिशा देने के लिए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव सक्रिय हो गए हैं। आरजेडी अब चिराग पासवान को महागठबंधन का हिस्सा बनाने की कवायद में जुट गई है। चिराग के महागठबंधन में शामिल होने की चर्चा बीते शनिवार से ही जोरों पर है।

शनिवार को आरजेडी नेता श्याम रजक ने चिराग पासवान से दिल्ली स्थित उनके आवास पर मुलाकात की थी। श्याम रजक ने चिराग से मुलाकात कर उन्हें आरजेडी और कांग्रेस के गठबंधन से जुड़ने का आमंत्रण दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चिराग ने इस प्रस्ताव पर श्याम रजक को विचार विमर्श करने का आश्वासन दिया था। बताया जा रहा है कि श्याम रजक लालू प्रसाद यादव के इशारे पर ही चिराग से मिलने पहुंचे थे। चिराग से मुलाकात करने से ठीक पहले शुक्रवार को श्याम रजक लालू यादव से मिले थे।

लालू का संदेशा चिराग को देने के बाद रविवार को श्याम रजक और आरजेडी सांसद मनोज झा लालू प्रसाद यादव से मिलने पहुंचे। लालू यादव के आवास पर काफी देर चिराग पासवान को महागठबंधन में शामिल कराने पर चर्चा हुई। चिराग को महागठबंधन में शामिल कराने के लिए श्याम रजक बिहार में कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास और वरिष्ठ नेता मीरा कुमार से भी मुलाकात कर चुके हैं। 

खुद तेजस्वी यादव हाल ही में चिराग को नीतीश कुमार के खिलाफ साथ आने का आह्वान कर चुके हैं। इन सबके पीछे एलजेपी के पीछे लामबंद दलित वोट बैंक है। पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान भी जेडीयू के खिलाफ एलजेपी के लड़ने का सबसे बड़ा फायदा महागठबंधन को ही पहुंचा था। ।

चिराग पासवान की पार्टी खुद तो कोई कमाल नहीं दिखा पाई लेकिन जदयू के खिलाफ लड़ने ने जेडीयू को बेहद ही कम आंकड़े तक रोक दिया। आरजेडी चिराग पासवान को हर हाल में साधना चाहती है। इसके पीछे वजह यह है कि आरजेडी को पता है कि भले ही एलजेपी में अब दो फाड़ हो चुका हो, लेकिन एलजेपी का मतदाता अभी भी चिराग पासवान के गुट के साथ ही है।