बेंगलुरु। स्वीडन की पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट को लेकर दर्ज केस के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने बेंगलुरु की पर्यावरण एक्टिविस्ट दिशा रवि को गिरफ्तार किया है। पुलिस का आरोप है कि दिशा रवि ने किसान आंदोलन से जुड़े उस डॉक्युमेंट को शेयर किया है, जिसे अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीट किया था। पुलिस ने दिशा पर टूलकिट नाम के उस डॉक्युमेंट को एडिट करके उसमें कुछ चीज़ें जोड़ने और उसे आगे फॉरवर्ड करने का आरोप भी लगाया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिशा को गिरफ्तार करने के बाद कहा कि इस मामले में जल्द ही कुछ और लोगों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिशा रवि को नॉर्थ बेंगलुरु से कल देर रात हिरासत में लिया और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस अधिकारी दावा कर रहे हैं कि दिशा रवि इस केस की एक कड़ी हैं। शुरुआती पूछताछ में दिशा ने बताया है कि उन्होंने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान साइबर स्ट्राइक के लिए बनाए गए टूलकिट नाम के डॉक्युमेंट में कुछ चीजें जोड़ने के बाद उसे सर्कुलेट किया था। बताया जा रहा है कि दिशा को आज दिल्ली कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस इस मामले में दिशा को रिमांड पर लेकर आगे पूछताछ करना चाहती है।

21 साल की दिशा बेंगलुरु के प्रतिष्ठित माउंट कार्मेल कॉलेज की छात्रा हैं। उन्होंने माउंट कार्मेल कॉलेज से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की डिग्री हासिल की है। वे फ्राइडे फ़ॉर फ्यूचर कैम्पेन की फॉउंडर्स में शामिल हैं। दिशा रवि के पिता मैसूरु में एथलेटिक्स कोच हैं, जबकि मां एक गृहिणी हैं। दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम सेल ने 4 फरवरी को ग्रेटा थनबर्ग द्वारा ट्विटर पर शेयर किए गए डॉक्युमेंट के सिलसिले में केस दर्ज किया था। पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धारा 124A, 120A और 153 A के तहत बदनाम करने, आपराधिक साजिश रचने और नफरत को बढ़ावा देने के आरोपों में एफआईआर दर्ज की है।

क्या है पूरा मामला

स्वीडन की 18 साल की विश्वविख्यात क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने भारत में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में एक ट्वीट किया था। ग्रेटा ने लिखा था कि हम भारत में किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने एक डॉक्युमेंट भी शेयर किया था, जिसे टूलकिट कहा गया था। पुलिस का दावा है कि इस डॉक्युमेंट से भारत में अस्थिरता फैलाने की साज़िश का खुलासा हुआ है। इस मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद भी ग्रेटा थनबर्ग न तो डरीं और न ही उन्होंने किसानों के समर्थन में ट्वीट करना बंद किया। उन्होंने एक बार फिर से ट्विटर पर लिखा कि 'मैं किसानों के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के साथ हूं। कोई भी नफरत, धमकी हमें डिगा नहीं सकती।' 

देशभर के किसान पिछले करीब 80 दिनों से मोदी सरकार के बनाए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। किसानों के इस आंदोलन ने सारी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा समेत कई देशों में आम लोगों, सांसदों, नेताओं, गायकों, कलाकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन का समर्थन किया है।