नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दल लामबंद होते जा रहे हैं। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की प्रचंड जीत के बाद अब तीसरे मोर्चे बनाने की कवायद भी खत्म हो गई। माना जा रहा है कि अब सभी दल कांग्रेस की अगुवाई में लोकसभा चुनाव लड़ने को तैयार हैं। इसी बीच सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने कहा है कि ममता बनर्जी ने भी थर्ड फ्रंट बनाने का इरादा छोड़ दिया है।

जनता दल(यूनाइटेड) के वरिष्‍ठ नेता केसी त्‍यागी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सीएम ममता बनर्जी ने 2024 के चुनावों से पहले एक गैर-कांग्रेसी तीसरा मोर्चा बनाने का इरादा छोड़ दिया है। केसी त्‍यागी ने कहा, "नीतीश कुमार के साथ हुई बैठक में ममता बनर्जी ने गैर-कांग्रेसी तीसरे मोर्चे को बनाने की इच्‍छा छोड़ने के संकेत दिए हैं। नीतीश कुमार, जब ममता बनर्जी से मिले थे, तब उन्होंने विपक्षी एकता के सकारात्मक संकेत दिए थे। पहले गैर-कांग्रेसी तीसरा मोर्चा बनाने का जो ममता बनर्जी का इरादा था, उससे हटके उनकी राय थी। ममता बनर्जी नीतीश कुमार के फार्मूले से सहमत हैं कि "एक के खिलाफ एक" उम्मीदवार होना चाहिए।"

त्यागी के मुताबिक पश्चिम बंगाल सीएम ममता ने सीएम नीतीश कुमार से कहा था कि विपक्षी नेताओं की बैठक पटना में बुलाएं। जेडीयू नेता ने कहा, 'जेपी का जब आंदोलन चला, उस वक्त बिहार केंद्र में बदलाव का प्रतीक था। ममता बनर्जी की जो सोच थी के चंद्रशेखर राव, अरविंद केजरीवाल आदि को लेकर एक गैर-कांग्रेसी तीसरा मोर्चा बनाने की उसमें परिवर्तन आया है। नीतीश का जो फार्मूला है, विपक्षी एकता का वो अब ज्यादा लोगों को स्वीकार है। इसमें बीजेपी के एक उम्मीदवार के मुकाबले हम लोगों का एक उम्मीदवार खड़ा करने का प्रस्ताव है। पटना में मीटिंग की तारीख अभी तय नहीं हुई है।'

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बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में कहा था कि 2024 के चुनावों के लिए सीट बंटवारे के फार्मूले में मजबूत क्षेत्रीय दलों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, जहां वे मजबूत हैं। कर्नाटक विधानसभा चुनाव नतीजे सामने आने के बाद ममता बनर्जी ने कहा था कि यह भाजपा के पतन की शुरुआत है। अब मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी भाजपा को करारी हार मिलेगी।