नई दिल्ली। ओडिशा से बालासोर में हुए रेल हादसे की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है। इस हादसे को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे। हादसे की जांच सीबीआई से कराने को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर केंद्र सरकार की आलोचना की और इसे चर्चा में बने रहने के प्रयास करार दिया। 



केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, 'रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने अभी बालासोर ट्रेन दुर्घटना पर अपनी रिपोर्ट भी नहीं दी है, उससे पहले ही CBI जांच की घोषणा कर दी गई। यह कुछ और नहीं बल्कि हेडलाइन मैनेजमेंट है, क्योंकि सरकार डेडलाइन पूरा करने में पूरी तरह से विफल है।'



इसे लेकर उन्होंने पूरी क्रोनोलॉजी भी समझाई है। इसके साथ कांग्रेस नेता ने 2016 में कानपुर के नजदीक हुए एक रेल हादसे का भी जिक्र किया और बताया कि उसकी एनआईए जांच के आदेश दिए गए थे, लेकिन अब तक कुछ भी नहीं पता लग पाया है।





जयराम रमेश ने ट्वीट किया, 'इस क्रोनोलॉजी को याद कीजिए... 

1. 20 नवंबर, 2016: इंदौर-पटना एक्सप्रेस कानपुर के पास पटरी से उतर गई। इस दुर्घटना में 150 से ज़्यादा लोगों की जान चली गई।

2. 23 जनवरी, 2017: तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर इस दुर्घटना की NIA जांच कराने की मांग की।

3. 24 फरवरी, 2017: प्रधानमंत्री ने कहा कि कानपुर रेल दुर्घटना एक साज़िश है।

4. 21 अक्टूबर, 2018: अख़बारों में रिपोर्ट आई कि NIA इस मामले में कोई चार्जशीट दाखिल नहीं करेगी।

5. 6 जून, 2023: कानपुर ट्रेन हादसे पर NIA की अंतिम रिपोर्ट को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक ख़बर नहीं आई है। कोई जवाबदेही नहीं।'



ओडिशा में हुए बड़े रेल हादसे के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार 4 जून की शाम घोषणा की थी कि बालासोर रेल हादसे की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की गई है। इसके बाद सीबीआई को मामला सौंप दिया गया। जिसे लेकर विपक्ष अब हमलावर है।