नई दिल्ली। आज़ादी को लेकर दिए विवादित बयान पर कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कंगना रनौत पर तल्ख टिप्पणी की है। आनंद शर्मा ने कहा है कि ऐसे लोगों को पद्मश्री सम्मान देने से पहले उनके मानसिक स्तर को जांचा जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राष्ट्र को यह बताना चाहिए कि क्या वे कंगना रनौत के विचारों को समर्थन करते हैं? कांग्रेस नेता ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री ऐसे विचारों का समर्थन नहीं करते तो सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कारवाई करनी चाहिए। 



आनंद शर्मा ने बीती रात अपने ट्विटर हैंडल पर कंगना के बयान पर अपनी आपत्ति ज़ाहिर करते हुए कहा कि यह बयान निंदनीय और देश को चौंकाने वाला है। कंगना रनौत ने महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, सरदार पटेल जैसे साहसी स्वतंत्रता सेनानियों और सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और कई अन्य क्रान्तिकारियों के बलिदान का अपमान करता है। 



उन्होंने कंगना से पद्मश्री सम्मान वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि माननीय राष्ट्रपति को कंगना रनौत को दिया गया पुरस्कार तुरंत वापस लेना चाहिए। कांग्रेस नेता ने यह सुझाव भी दिया कि इस तरह के पुरस्कार देने से पहले मानसिक मनोचिकित्सीय मूल्यांकन किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे व्यक्ति राष्ट्र और उसके नायकों का अपमान न करें। 





आनंद शर्मा ने कंगना रनौत के बयान के जरिए प्रधानमंत्री मोदी पर भी निशाना साधा। आनंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री को चुप्पी तोड़ना चाहिए और राष्ट्र को बताना चाहिए कि क्या वे कंगना रनौत के विचारों का समर्थन करते हैं? यदि नहीं, तो सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। 



दरअसल बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत एक निजी न्यूज़ चैनल को दिए अपने इंटरव्यू के दौरान अपने विवादित बयान को लेकर निशाने पर हैं। कंगना ने कहा था कि भारत को 1947 में भीख मिली थी, जबकि असली आज़ादी तो 2014 में मिली है। यानी मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद देश को असली आज़ादी मिली है।