नई दिल्ली। कांग्रेस वर्किंग कमेटी में पार्टी के नए अध्यक्ष को लेकर चर्चा जारी है। मीडिया खबरों के मुताबिक पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी अपने इस्तीफे की पेशकश कर चुकी हैं। इस बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा है कि अगर सोनिया गांधी अपना इस्तीफा वापस नहीं लेना चाहती हैं तो पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को फिर से अध्यक्ष बनाना चाहिए। हालांकि, राहुल गांधी पहले भी कई बार इस पद पर दोबारा काबिज होने को लेकर इनकार कर चुके हैं।

इससे पहले वर्किंग कमेटी की बैठक में राहुल गांधी के उस कथित बयान पर हंगामा मच गया, जिसमें उन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले कुछ नेताओं के बीजेपी से मिले होने की बात कही। हालांकि, पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया। दूसरी तरफ राहुल गांधी के इस कथित बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कपिल सिब्बल ने नाराजगी जताते हुए ट्वीट किया। वहीं राज्य सभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अगर राहुल गांधी के आरोप सही साबित हो जाते हैं तो वे इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। 

हालांकि, बाद में सिब्बल ने अपना ट्वीट वापस लेते हुए कहा कि उनकी बात राहुल गांधी से हुई है और राहुल ने ऐसा कोई भी बयान नहीं दिया है। गुलाम नबी आजाद की तरफ से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। वे पार्टी की वर्किंग कमेटी की बैठक में मौजूद थे। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि अगर राहुल गांधी ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया तो फिर आजाद ने नाराजगी जताते हुए इतना बड़ा बयान क्यों दिया?  

बहरहाल, अहमद पटेल के इस बयान को गांधी परिवार के समर्थन में देखा जा रहा है। गांधी परिवार को पार्टी के तीन मुख्यमंत्रियों और 10 प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों से समर्थन मिल चुका है। यह समर्थन तब आया जब पार्टी के 23 वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर नेतृत्व परिवर्तन और पार्टी में सुधार करने के लिए पत्र लिखा। इन नेताओं में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, कपिल सिब्बल, शशि थरूर इत्यादि शामिल हैं।