नई दिल्ली। भारत में कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ते ही अब तीसरी लहर की आहट आने लगी है। देश में मिले नए कोविड-19 डेल्टा प्लस वैरिएंट ने हड़कंप मचा दिया है। माना जा रहा है कि यह वैरिएंट देश में संभावित तीसरी लहर का कारण बन सकता है। देश में अबतक इस वायरस के 40 मामले दर्ज किए गए हैं, जिसके बाद स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता और बढ़ गई है।

भारत सरकार ने इस वैरिएंट को वैरिएंट ऑफ कंसर्न (VOC) की लिस्ट में रखा है। यानी यह वैरिएंट देश के चिंता का विषय है। इसी के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस वायरस के चपेट में आने वाले हाई रिस्क स्टेट्स महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और केरल के लिए अलर्ट जारी किया है। इन राज्यों में ही इस खतरनाक वैरिएंट के ज्यादा मामले सामने आए हैं। 

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मिली जानकारी के अनुसार अबतक 45 हजार सैंपल की टेस्टिंग हुई है, जिसमें 40 केस रिपोर्ट किए गए। राज्यवर आंकड़ा देखा जाए तो महाराष्ट्र में 21, मध्य प्रदेश में पांच, केरल और तमिलनाडु में तीन-तीन, कर्नाटक में दो और पंजाब, आंध्र प्रदेश और जम्मू में एक-एक केस मिला है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मध्यप्रदेश में इस वैरिएंट ने एक महिला की जान भी ले ली है।

कितना खतरनाक है डेल्टा प्लस वैरिएंट

डेल्टा प्लस वैरिएंट देशभर में दूसरी लहर में आंतक मचाने वाले डेल्टा वैरिएंट (बी.1.617.2) का ही म्युटेटेड वर्जन है। इसी के पहले वाले वर्जन ने देश में लाखों लोगों की जान ली है। डेल्‍टा प्‍लस वेरिएंट के दुनिया में 205 मामले हैं, इसमें आधे से ज्‍यादा मामले अमेरिका और ब्रिटेन में हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक यह वेरिएंट ज्यादा तेजी से फैलने वाला है।इतना ही नहीं यह फेफड़ों की सेल्स के रिसेप्टर्स को ज्यादा मजबूती से पकड़ता है।

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जानकारों के मुताबिक कि इसपर मोनोक्लोनल एंटीबॉडी भी बेअसर साबित होती है। ऐसे में अब चिंता की बात ये है कि देश में अबतक महज 5 फीसदी से थोड़ा ज्यादा आबादी को ही वैक्सीन के दोनों डोज लगाए गए हैं। जबकि सरकार का दावा है कि दिसंबर तक 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को वैक्सीनेशन हो जाएगा। दूसरी लहर के दौरान ही देश ने जर्जर हेल्थ सेक्टर की सच्चाई देख ली थी। ऐसे में समय रहते अगर तैयारियां नहीं कि गई तो तीसरी लहर और भयावह होने की आशंका है।