अमृतसर। पंजाब में ज़हरीली शराब का कहर जारी है। राज्य में ज़हरीली शराब का सेवन करने से अब तक 86 लोगों की मौत हो चुकी है। पंजाब सरकार ने मृतकों के परिवारों को दो दो लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दो डीएसपी, चार एसएचओ समेत सात आबकारी के अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।



बीते 29 जुलाई से ही पंजाब में ज़हरीली शराब के सेवन से लगातार एक के बाद एक मौतें हो रही हैं। अब आँकड़ा सौ के क़रीब पहुँच रहा है। मामले की जांच करने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एसआईटी गठित कर दी है। जालंधर के डिविजनल कमिश्नर के नेतृत्व में पूरे मामले की जांच सौंपी गई है। राज्य में पुलिस ने 100 से अधिक जगहों पर छापेमारी की है। जिसमें 17 लोगों को अबतक गिरफ्तार किया जा चुका है। मामले में अब तक कुल 25 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। गिरफ्त में आए लोगों से पूछताछ चल रही है।ज्ञात हो कि पंजाब में ज़हरीली शराब से ज़्यादा मौतें तरणतारण में हुई है। तरणतारण में अब तक 63 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं अमृतसर में 12 और गुरदासपुर के बटाला में 11 लोगों की मौत हो चुकी है। 



हर जगह भ्रष्टाचार की एक ही कहानी है



पंजाब कांड पर कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने कहा है कि मुख्यमंत्री को आबकारी विभाग और पुलिस के अधिकारियों पर भी आपराधिक मामले दर्ज करने चाहिए।





तंखा ने कहा है कि कोई भी जुआ, नशीली दवाओं की खपत, अवैध शराब का व्यापार या परिवाहन विभाग का घोटाला बिना अधिकारियों के बढ़ावा दिए हो ही नहीं सकता। कांग्रेस नेता ने कहा कि सभी राज्यों में भ्रष्टाचार की एक ही कहानी है।