इडुक्की। केरला के इडुक्की जिले के राजमाला इलाके में भूस्खलन में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। रविवार को 16 और शव मिलने के बाद मरने वालों की संख्या 42 हो गई है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने इडुक्की जिलाधिकारी के हवाले से यह खबर दी है।
घटना के दो दिन बीतने के बाद भी अबतक कई लोग लापता हैं। आशंका है कि मृतकों की संख्या में अभी और बढ़ोतरी हो सकती है। घटनास्थल पर राष्ट्रिय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), स्थानीय पुलिस और अग्निशामक विभाग कैंप कर तलाशी अभियान चला रही है। साथ हीं स्निफर कुत्तों की मदद भी ली जा रही है।
बता दें कि शुक्रवार को हुए इस भीषण हादसे के बाद से लगातार राहत और बचाव कार्य जारी है। इस हादसे पर दुःख जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो-दो लाख रुपए मुआवजे का एलान किया है। वहीं भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने इडुक्की, मलाप्पुरम और वायनाड जिलों के लिए रविवार को भी रेड अलर्ट घोषित किया है। केरल में मूसलाधार बारिश, भूस्खलनों और बांध के फाटक खोले जाने के कारन कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। नतीजतन कोट्टायम और अलप्पुझा के निचले इलाकों में रह रहे लोगों के घरों में पानी घुस जाने से जनजीवन पूरी तरह से ठप हो गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक भूस्खलन वाले इलाके में चाय बगान पर काम करने वाले मजदूर शेल्टर बनाकर रहते थे। लैंडस्लाइड के बाद एक बड़ा सा मलबा शेल्टर हाउस के ऊपर गिरा जिसमें सभी लोग मलबे में दब गए। इससे 20 से ज्यादा घर तबाह हो गए हैं। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि इस हादसे में कितने लोग दबे हुए हैं लेकिन आशंका जताई जा रही है कि उनकी संख्या 40 से 50 तक हो सकती है। इनमें से अधिकांश मजदूर तमिलनाडु के रहने वाले बताए जा रहे हैं। जिस इलाके में यह भूस्खलन हुआ है वह पर्यटन नगरी मुन्नार से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।