नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने गूगल और फेसबुक को एक महिला की आपत्तिनजक फोटो हटाने को कहा है। महिला की सहमति के बिना कुछ यूजर्स ने सोशल मीडिया पर उसकी फोटो अपलोड कर दी थी। बताया जा रहा है कि ये फोटो महिला ने अपने दोस्त को तब भेजी थी जब वह 12 साल की थी। उस वक्त आरोपी ने महिला को ब्लैकमेल किया और तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी।

अदालत ने कहा कि सोशल मीडिया साइटों के लिए यह आवश्यक है कि चाइल्ड पोर्नोग्राफिक सामग्री को उनके प्लेटफोर्म पर होस्ट नहीं किया जाए। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि पुलिस देश में अश्लील सामग्री को सोशल मीडिया पर अपलोड करने वालों की पहचान कर उनपर कार्रवाई करे। जस्टिस विभू बाखरू ने पुलिस को कहा कि वह संबंधित यूआरएल के बारे में एनसीआरबी को जानकारी सौंपे ताकि सोशल मीडिया से महिला की आपत्तिजनक तस्वीरों को हटाया जा सके।

महिला ने याचिका में बताया कि साल 2012 में जब वह 16 साल की थी तो उसकी दोस्ती अपनी ही कक्षा के एक लड़के से हो गई। उन दोनों के बीच संबंध भी बने थे। उसके बाद लड़के ने उसे अश्लील फोटो भेजने के लिए कहा। बाद में उसने लड़के से अपने संबंध खत्म कर दिए और आगे की पढ़ाई के लिए विदेश चली गई। लेकिन लड़का उसे लगातार परेशान करता रहा। लड़का उसके पीछे विदेश भी पहुंच गया। जहां उसके साथ लड़के ने मारपीट भी की। 

महिला के अनुसार 2019 में उसे पता चला कि लड़के ने उसकी अश्लील तस्वीरें सोशल मीडिया पर अपलोड कर दी हैं। जिसके बाद महिला ने दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और सोशल मीडिया से फोटो हटाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से संपर्क भी किया।