नई दिल्ली। दिल्ली में लगातर बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई है। गुरूवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी सरकार की जमकर क्लास ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि आपको बार बार जगाते रहने का काम हमारा नहीं है। जब दिल्ली में केस लगातार बढ़ रहे थे तो आप इतने दिनों तक सोते क्यों रहे? जब हमने जवाब माँगा तब आपकी नींद टूटी। ये हमारा काम नहीं है कि आपको बार-बार नींद से जगाते रहें। 

दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार से पूछा कि शादियों में मेहमानों की संख्या कम करने के लिए अब तक इंतजार क्यों किया गया? आपने शादी समारोहों में लोगों की संख्या सीमित करने के लिए 18 दिन तक क्यों प्रतीक्षा की? इस अवधि में कितने लोगों की कोविड-19 से मौत हुई। दिल्ली सरकार ने शादी समारोहों में मेहमानों की संख्या को 200 से घटाकर 50 करने का निर्णय लिया है।  

जुर्माना लगाना कारगर नहीं, सरकार की चाल कछुए जैसी : कोर्ट 

केजरीवाल सरकार ने मास्क न लगाने वाले लोगों पर जुर्माने की रकम 500 रुपए से बढ़ाकर 2000 रुपए कर दी है। लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट के मुताबिक अब तक का तजुर्बा यही बताता है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने वालों और मास्क न लगाने वालों पर जुर्माना लगाने का उपाय बहुत कारगर नहीं रहा है। 

दिल्ली हाई कोर्ट ने कोरोना को नियंत्रित करने में नाकाम रहने पर दिल्ली सरकार पर तल्ख़ टिप्पणी करते हुए कहा है कि सरकार की चाल कछुए जैसी है। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा, आप 1 नवंबर से हालात को बिगड़ते देख रहे हैं, तब से मामले कितने बढ़े हैं। आपकी चाल कछुए जैसी सुस्त है। आपने तभी कार्रवाई शुरू की, जब हमने आपसे कुछ सवाल किए। चारों तरफ से आवाज़ आती रही कि कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं, स्थिति बिगड़ रही है, लेकिन आप वक्त रहते सक्रिय क्यों नहीं हुए? 

मेल नहीं खाते मंत्रियों के बयान, दिल्ली की स्थिति न्यू यॉर्क जैसी : कोर्ट 

हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि सरकार के मंत्रियों के बयान तक आपस में मेल नहीं खाते। कोर्ट ने केजरीवाल सरकार से पूछा कि आप किस तरह की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को ठीक से मॉनिटरिंग करने की सलाह देते हुए कहा कि 'स्थिति को जरा मोटे चश्मे से देखिए। दिल्ली की स्थिति न्यूयॉर्क और साओ पाउलो जैसी हो चुकी है।' हालांकि कोर्ट ने इसके साथ ही यह भी कहा कि हालात बिगड़ने के लिए सिर्फ दिल्ली सरकार ही ज़िम्मेदार नहीं है। जो नागरिक कोरोना गाइडलाइन्स का पालन ठीक से नहीं करते वे भी इन हालात के लिए कसूरवार हैं।