नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर केन्द्र सरकार द्वारा देशभर में लागू किए गए नोटबंदी के फैसले पर निशाना साधा है और इसे एक राष्ट्रीय त्रासदी बताया है। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए नोटबंदी को अपने करीबी पूंजीपति मित्रों का कर्ज़ माफ करने का एक जरिया बताया है। अपने एक वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा है कि नोटबंदी का फैसला मोदी सरकार की गलती नहीं थी बल्कि प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसा एक सोची समझी साजिश के तहत किया था। 

नोटबंदी और जीएसटी के कारण गिरी अर्थव्यवस्था 
राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार देश की गिरती अर्थव्यवस्था के लिए कोरोना को जि़म्मेदार ठहरा रही है। लेकिन इस समय बांग्लादेश जैसे देश की अर्थव्यवस्था हमसे बेहतर है। क्या बांग्लादेश कोरोना से जूझ नहीं रहा ? राहुल गांधी ने कहा कि देश की खराब अर्थव्यवस्था के लिए मोदी सरकार के नोटबंदी और जीएसटी जैसे फैसले ज़िम्मेदार हैं। 

राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी के कारण गरीब, किसान और मजदूरों को परेशानी हुई.. और जीएसटी ने मध्यम वर्ग और छोटे व्यापारियों को पूरी तरह से खत्म कर दिया। राहुल गांधी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी कहा था कि नोटबंदी के कारण देश की जीडीपी दो फीसदी तक गिर जाएगी और आखिरकार उनका अनुमान सही निकला।

राहुल गांधी ने आगे कहा कि जब मोदी सरकार का नोटबंदी और जीएसटी से भी मन नहीं भरा तो ये किसानों को बर्बाद करने के लिए कृषि विरोधी कानून ले आए। किसानों के खेतों को उनके हाथों से छीनने के लिए मोदी सरकार कानून लेकर आ गई। राहुल गांधी ने अपने वीडियो संदेश में लोगों से एक साथ मिलकर आवाज़ उठाने की अपील की है। राहुल गांधी ने कहा है कि कुछ समय पहले तक देश की अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे उभरती हुई अर्थव्यवस्था हुआ करती थी, लेकिन मोदी सरकार ने उसकी कमर तोड़ डाली। अब वक्त आ गया है कि हम सब मिलकर अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करें। 

मोदी सरकार ने 8 नवंबर 2016 को देशभर में नोटबंदी लागू करने का एलान किया था। जिसके तहत पांच सौ और हज़ार के नोट प्रतिबंधित कर दिए गए थे। शुरुआत में तत्कालीन सरकार में शामिल मंत्रियों और बीजेपी नेताओं ने कहा कि सरकार के इस फैसले से काले धन पर चोट पड़ेगी। नोटबंदी को काले धन पर सर्जिकल स्ट्राइक के तौर पर पेश किया गया। लेकिन जैसे ही नोटबंदी के साइड इफेक्ट्स सामने आने लगे नेताओं के बयान बदलने लगे। बीजेपी के नेता कहने लगे कि नोटबंदी काले धन पर नहीं टेरर फंडिंग पर रोक लगाने के लिए लागू की गई थी। 

जल्द ही एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि आरबीआई के पास पांच सौ और हज़ार के 99 प्रतिशत से ज्यादा नोट पहुंच गए। जिसके बाद मोदी सरकार अपने फ़ैसले को लेकर पूरी तरह से बैकफुट पर आ गई। 

हालांकि कांग्रेस शुरुआत से ही नोटबंदी के फैसले का विरोध करती रही। मनमोहन सिंह ने बाकायदा संसद में भाषण देते हुए कहा था कि सरकार का यह फैसला देश की अर्थव्यवस्था के लिए घातक साबित होगा। राहुल गांधी भी देश की गिरती अर्थव्यवस्था के लिए मोदी सरकार पर लगातार निशाना साधते रहे। इसके लिए बार बार उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी के फैसले को जिम्मेदार ठहराया। अब कांग्रेस यह आरोप लगा रही है कि मोदी सरकार की नोटबंदी की योजना सिर्फ एक गलत फैसला नहीं थी, बल्कि चंद उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने की योजना थी।