नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हुए हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं द्वारा उनका हालचाल लेने या जल्द स्वस्थ होने की शुभकामना तक नहीं दिए जाने पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने दुख जाहिर किया है। दिग्विजय सिंह ने कहा है कि राजनीतिक विरोधियों के साथ ही सौजन्यतापूर्ण बर्ताव करना स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान है, लेकिन दुख की बात है कि यह सौजन्यता भी अब खत्म होती जा रही है। 

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा, 'मोदी जी और नड्डा जी को कम से कम ममता बनर्जी को फोन करके उनकी सेहत का हालचाल तो पूछना चाहिए था। ऐसी सामान्य सौजन्यता, जो स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा की पहचान है, अब खत्म होती जा रही है। यह दुखद है।

 

दिग्विजय सिंह ने यह बात ट्विटर पर पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी द्वारा इस सिलसिले में की गई एक टिप्पणी को शेयर करते हुए कही है। स्वाति ने अपनी इस टिप्पणी में लिखा है कि 'लोकतंत्र में आपके चुनावी प्रतिस्पर्धी होते हैं, लेकिन दुश्मन नहीं होते। प्रधानमंत्री मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह ने एक ट्वीट करके भी ममता बनर्जी को जल्द स्वस्थ होने की शुभकमानएं देने तक की ज़रूरत नहीं समझी। ममता घायल होने की वजह से अस्पताल में हैं। मोदी विदेशी नेताओं को शुभकामनाएं देकर ही खुश हैं।"

दरअसल बुधवार को पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान हुई घटना में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी घायल हो गईं। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी से लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह समेत बीजेपी के किसी भी बड़े नेता ने ममता का हालचाल जानने की जहमत नहीं उठाई। जबकि 2019 में वर्ल्ड कप के दौरान शिखर धवन के चोटिल होने पर प्रधानमंत्री मोदी मायूस हो गए थे, धोनी और रैना के संन्यास लेने के बाद उन्हें पत्र तक लिखा था।  लेकिन उन्हीं मोदी ने अस्पताल में भर्ती ममता बनर्जी की सेहत का हालचाल पूछना भी जरूरी नहीं समझा। हद तो यह है केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने ममता बनर्जी का हाल चाल पूछने या शुभकामना देने की बजाय इसे चुनावी ड्रामा करार दिया। पीयूष गोयल ने कहा कि यह सब पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में संभावित हार के डर की वजह से किया जा रहा है।