नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और  राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सोमवार को संसद में दिए भाषण पर करारा वार किया है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री का राज्यसभा में दिया गया भाषण तथ्यों के मामले में बेहद कमज़ोर और गुमराह करने वाला है। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में FDI का नया मतलब फ़ॉरेन डिस्ट्रक्टिव आइडियोलॉजी यानी विध्वंसक विदेशी विचारधारा बताया तो दिग्विजय सिंह ने इसे अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति से जोड़कर मोदी और आरएसएस को ही कटघरे में खड़ा कर दिया।



कांग्रेस के राज्यसभा सांसद ने सीधे प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए ट्विटर पर लिखा है, “मोदी जी आपने FDI को Foreign Destructive Ideology की संज्ञा दी है। कुछ हद तक मैं आपसे सहमत हूँ। जो अंग्रेजों ने “फूट डालो और राज करो” की विचारधारा हमें दी, वही आप और संघ अपना कर देश मे धर्म के नाम पर फूट डाल कर राज कर रहे हैं। देश की शक्ति देश में एकता होती है। हम सबसे पहले भारतीय हैं।”





कांग्रेस नेता ने किसान आंदोलन की माँगें नहीं मानने पर अड़ी केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा है, “अगर मोदी-शाह जी वाक़ई किसानों के कृषि क़ानून विरोधी आंदोलन का मसला हल करना चाहते हैं तो उन्हें तीनों क़ानूनों को वापस ले लेना चाहिए। वैसे भी वे इन्हें डेढ़ साल के लिए सस्पेंड करने पर तो सहमत हो ही चुके हैं। इसी के साथ उन्हें कृषि उत्पादों की मार्केटिंग के क्षेत्र में ज़रूरी सुधारों पर विचार के लिए संसद की एक साझा सेलेक्ट कमेटी भी बनानी चाहिए। यह समिति सुधारों के बारे में किसान यूनियनों से बात करके निश्चिय समय सीमा के भीतर अपनी रिपोर्ट दे सकती है। मोदी-शाह जी आपको इसके लिए सिर्फ एक और कदम चलना है!! ”



दिग्विजय सिंह आगे लिखते हैं, “लेकिन अगर मोदी-शाह जी को लगता है कि यह उनकी “मूँछ का सवाल” है तो वे कम से कम संसद के इसी सत्र में एक संशोधन लाकर तीनों क़ानूनों को डेढ़-दो साल के लिए सस्पेंड करने का काम तो कर ही सकते हैं। कम-ऑन “भाषण जीवी महाराज” कुछ तो दरियादिली दिखाईए!!”



 





उन्होंने आगे कहा कि भारत के कृषि क्षेत्र को एमएसपी की क़ानूनी गारंटी के साथ-साथ कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग और मार्केटिंग में हिस्सेदारी चाहिए। अमूल किसानों की अगुवाई में चलाए गए सहकारिता आंदोलन की शानदार मिसाल है, जिसमें 70 फ़ीसदी मुनाफ़ा दूध उत्पादकों को मिलता है।



दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी के राज्यसभा में दिए गए भाषण की आलोचना करते हुए कहा कि उनके भाषण में हमेशा की तरह वक्तृत्व कला तो खूब नज़र आई लेकिन तथ्यों के लिहाज़ से उनकी स्पीच बेहद कमज़ोर और गुमराह करने वाली थी।