नई दिल्ली। किसानों से मिलने ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पहुँचे सांसदों के दल को पुलिस ने रोक दिया। जिसके बाद उन्हें किसानों से मिले बिना ही वापस लौटना पड़ा। किसानों से मिलने आए सांसदों ने मोदी सरकार की नीतियों पर तीखा हमला किया। गाज़ीपुर बॉर्डर पर पहुँचे विपक्षी सांसदों के इस डेलिगेशन में 10 विपक्षी दलों के 15 नेता शामिल थे। इनमें शिरोमणि अकाली दल की नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले, डीएमके सांसद कनिमोड़ी और टीएमसी सांसद सौगत राय भी शामिल रहे।  

कृषि क़ानूनों के विरोध में सरकार से अलग होने वाले शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि गाज़ीपुर बॉर्डर पर तीन किलोमीटर तक 13 लेवल की बैरिकेडिंग की गई है। इतनी सुरक्षा तो भारत-पाकिस्तान के बॉर्डर पर भी नहीं है। 

पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद हरसिमरत कौर ने कहा कि यहां के हालात को देखकर हमें डर लग रहा है। उन किसानों की क्या हालत हो रही होगी, जो इन हालात में रह रहे हैं। हमें यहां किसानों से मिलने से रोका जा रहा है और संसद में भी यह मुद्दा उठाने से रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन हालात को देखकर लगता है कि यहाँ लोकतंत्र कहां है।

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सांसदों के डेलिगेशन में शामिल एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि किसानों का समर्थन करते हैं और इसीलिए उनसे मिलना चाहते हैं। एनसीपी सांसद ने यह भी कहा कि हम सरकार से निवेदन करेंगे कि सरकार बातचीत करके किसानों के साथ इंसाफ़ करे।

इस बीच, संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि जब तक किसानों के धरने वाली जगहों पर लगाई गई कई लेवल की बैरिकेडिंग को हटाया नहीं जाता और इंटरनेट की सेवाएं बहाल नहीं की जातीं, सरकार के साथ कोई औपचारिक वार्ता संभव नहीं है।