जीवंत लोकतंत्र की पहचान हैं शांतिपूर्ण प्रदर्शन, किसान आंदोलन पर अमेरिका का बड़ा बयान

अमेरिका ने यह भी कहा है कि इंटरनेट के ज़रिए लोगों तक सूचनाओं की बेरोकटोक पहुंच अभिव्यक्ति की आज़ादी का ज़रूरी हिस्सा है

Updated: Feb 04, 2021, 03:59 AM IST

Photo Courtesy: Aaj Tak
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वॉशिंगटन। शांतिपूर्ण प्रदर्शन जीवंत लोकतंत्र की पहचान हैं और भारत का सुप्रीम कोर्ट भी ऐसा ही मानता है - देश में जारी किसान आंदोलन के बारे में यह बात अमेरिकी सरकार ने कही है। दिल्ली के आसपास इंटरनेट बंद किए जाने पर प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए अमेरिका ने कहा है कि इंटरनेट के ज़रिए लोगों तक सूचनाओं की बेरोकटोक पहुंच भी अभिव्‍यक्ति की आज़ादी के मूलभूत अधिकार का ज़रूरी हिस्सा है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की तरफ़ से जारी बयान में कहा गया है कि किसी भी विवाद या मतभेद की स्थिति में दोनों पक्षों में बातचीत होनी चाहिए और तमाम मसलों का हल आपसी चर्चा के ज़रिए निकलना चाहिए। अमेरिका किसी भी मतभेद को सुलझाने के लिए आपस में बातचीत के रास्ते का समर्थन करता है।

हालाँकि इसके साथ ही अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि अमेरिका आम तौर पर उन कदमों का स्वागत करता है, जिनसे भारतीय बाज़ारों की कुशलता बढ़ती है और निजी निवेश को बढ़ावा मिलता है। अमेरिका के इस बयान को कृषि क्षेत्र में भारत सरकार की तरफ़ से किए जा रहे बदलावों के समर्थन का संकेत माना जा रहा है। लेकिन बयान से यह भी साफ़ होता है कि भारत में किसान आंदोलन को दबाने की भारत सरकार की कोशिशों का वो समर्थन नहीं करता।

अमेरिका का यह बयान ऐसे वक़्त में आया है, जब इंटरनेशनल पॉप स्टार रिहाना, एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग से लेकर अमेरिका के कई सांसद तक भारत में चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। महिला सांसद हैली स्टीवेंस (Haley Stevens) ने कहा है कि भारत में नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई से वे चिंतित हैं। स्टीवेंस ने कहा कि वे मोदी सरकार और आंदोलन कर रहे किसानों के बीच सार्थक बातचीत की अपील करती हैं। अमेरिकी सांसद ने एक बयान में यह भी कहा है कि वे पूरे हालात पर लगातार नज़र रख रही हैं।

अमेरिका की एक और महिला सांसद इल्हान ओमार ने आंदोलनकारी किसानों के साथ एकजुटता ज़ाहिर करते हुए कहा कि भारत को अपने नागरिकों के बुनियादी लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए। साथ ही इंटरनेट बहाल करके सूचनाओं की बेरोकटोक उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने प्रदर्शन के कवरेज के दौरान हिरासत में लिए गए सभी पत्रकारों को रिहा किए जाने की माँग भी की है।

अमेरिका की उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस की भतीजी मीना हैरिस तो यहाँ तक कह चुकी हैं कि भारत में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा है, “यह सिर्फ़ संयोग नहीं है कि दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र पर हमला हुए अभी एक महीना भी नहीं हुआ कि दुनिया का सबसे ज़्यादा आबादी वाला लोकतंत्र भी हमले का सामना कर रहा है। ये सारी बातें आपस में जुड़ी हुई हैं। हम सबको भारत में इंटरनेट बंदी और आंदोलनकारी किसानों के ख़िलाफ़ सुरक्षा बलों की हिंसा का विरोध करना चाहिए।”