नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे किसानों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का प्रस्ताव ठुकरा दिया है। गृह मंत्री ने शनिवार को विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को बातचीत का रास्ता अपनाने के लिए बुराड़ी मैदान में एकत्रित होने की पेशकश की थी।  जिसे किसानों ने रविवार दोपहर की बैठक के बाद ठुकरा दिया है। 



किसानों ने अब अपना रुख एकदम स्पष्ट करते हुए यह ज़ाहिर कर दिया है कि अगर केंद्र सरकार को बातचीत करनी है तो उन्हें दिल्ली हरियाणा बॉर्डर पर ही आना होगा, किसान दिल्ली के बुराड़ी में नहीं जाएंगे। हालांकि किसानों की इस बैठक से पहले ही तय हो चुका था कि वे गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्ताव को नहीं मानेंगे।  



पंजाब किसान यूनियन के अध्यक्ष रुलदू सिंह ने पहले ही यह स्पष्ट करते हुए कहा था कि विरोध प्रदर्शन का स्थान रामलीला मैदान तय है तो बुराड़ी क्यों जाएं? सिंह ने कहा था कि तीनों कृषि कानूनों के अलावा किसान बिजली संशोधन बिल 2020 को भी वापस लेने की मांग पर कायम हैं। अगर केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है तो उसे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गारंटी का कानून लाना होगा।  



इसके अलावा भारतीय किसान यूनियन के पंजाब प्रमुख जगजीत सिंह ने कहा था कि 'अमित शाह जी ने जल्द मीटिंग बुलाने के लिए शर्त रखी है, जो कि सही नहीं है। उन्हें शर्तों के साथ नहीं बल्कि खुले दिल से किसानों से बातचीत के लिए आगे आना चाहिए। 



बता दें कि किसानों के विरोध प्रदर्शन को बढ़ता देख केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों के सामने बुराड़ी मैदान में एकत्रित होने का प्रस्ताव रखा था। अमित शाह ने किसानों को आश्वासन देते हुए कहा था कि अगर किसान बुराड़ी में आने के लिए तैयार हो जाते हैं तो सरकार 3 दिसंबर से पहले ही उनसे बातचीत करने के लिए तैयार है। अमित शाह ने कहा था, 'मैं आपको आश्वासन देता हूं कि जैसे ही आप पुलिस द्वारा बताए गए निरंकारी मैदान चले जाएंगे, हमारी सरकार अगले ही दिन आपसे बात करेगी। 3 दिसंबर से पहले भी हम बातचीत को तैयार हैं। अमित शाह के इस प्रस्ताव को किसान संगठनों ने अब औपचारिक तौर पर ठुकरा दिया है। 





किसान त्रस्त, अमित शाह चुनाव में मस्त : आम आदमी पार्टी 

उधर केंद्रीय मंत्री अमित शाह किसानों के सामने प्रस्ताव रखने के बाद खुद हैदराबाद के नगर निकाय चुनावों में बीजेपी का प्रचार करने पहुँच गए हैं। किसानों के आंदोलन का समर्थन कर रही आम आदमी पार्टी ने कहा है कि एक तरफ देश के किसान त्रस्त हैं लेकिन गृह मंत्री अमित शाह चुनाव में मस्त हैं। 



देशभर के किसान तीन दिन से आंदोलन कर रहे हैं। उन्हें दिल्ली पहुंचकर सरकार के सामने अपनी मांगें रखनी थीं लेकिन सरकार उन्हें दिल्ली में प्रवेश से रोक रही है। खासकर पंजाब से आनेवाले किसान संगठनों को हरियाण सरकार का जबरदस्त विरोध प्रतिरोध पड़ रहा है।