पटना। पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास की एक चिट्ठी इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। जिसमें उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शिकायत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से की है। चिट्ठी में दास ने नीतीश कुमार को एक नालायक मुख्यमंत्री बताते हुए कहा है कि नीतीश भ्रष्ट ठेकेदारों और टेंडर माफियाओं के दबाव में आकर पटना की ऐतिहासिक खुदा बख्श लाइब्रेरी को ज़मींदोज़ करने जा रहे हैं। नीतीश कुमार के इस फैसले के विरोध में अमिताभ दास ने राष्ट्रपति कोविंद को अपना पदक भी वापस लौटा दिया है। 

पूर्व आईपीएस अधिकारी ने चार बिंदुओं में राष्ट्रपति को पत्र लिखा है। अमिताभ दास ने अपने पत्र में लिखा है कि बिहार के नालायक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भ्रष्ट ठेकेदारों और टेंडर माफियों के आदेश पर पटना की ऐतिहासिक खुदा बख्श लाइब्रेरी को ज़मींदोज़ करने का फैसला किया है। दास ने अपने पत्र में खुदा बख्श लाइब्रेरी को गंगा जमुनी तहज़ीब की मिसाल बताते हुए कहा है कि यह लाइब्रेरी पूरी इंसानियत की विरासत है। और पूरा पूरा बिहार इस पर गर्व करता है। 

अमिताभ दास ने अपने शिकायत पत्र में राष्ट्रपति को लिखा है कि उन्हें सरकार के इस फैसले से गहरा सदमा लगा है। दास ने कहा कि उन्होंने वर्षों तक एक आईपीएस अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं। लिहाज़ा बिहार सरकार के इस फैसले के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराते हुए वे अपना पदक लौटा रहे हैं। 

पूर्व आईपीएस अधिकारी से जब हमसमवेत ने बात की तब उन्होंने खुद राष्ट्रपति को लिखी इस चिट्ठी की पुष्टि की। अमिताभ दास ने कहा कि पूरे बिहार में इस समय माफिया का राज है। खुदा बख्श लाइब्रेरी को ज़मींदोज़ किए जाने का फैसला भी बिहार में फैले माफिया राज का ही एक नमूना है। अमिताभ दास ने कहा कि  उनका संगठन बिहार विप्लवी परिषद इस समय हर शख्स खुदा बख्श नामक एक आंदोलन चला रहा है। दास ने कहा कि लाइब्रेरी को ज़मींदोज़ करने के फैसले के विरुद्ध जल्द ही पद्म श्री, साहित्य अकादमी जैसे तमाम अवॉर्ड से सम्मानित बुद्धिजीवी अपना सम्मान लौटाने वाले हैं।