नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति और देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत-रत्न से नवाजे गए प्रणब मुखर्जी का 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके बेटे अभ‍िजीत मुखर्जी ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। सेना के अनुसंधान एवं रेफरल अस्पताल में भर्ती मुखर्जी की हालत सोमवार को और बिगड़ गई थी। 



उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने सोमवार 31 अगस्त को ट्वीट कर लिखा, 'भारी मन के साथ, आपको यह सूचित करना है कि मेरे पिता श्री प्रणव मुखर्जी का अभी आरआर अस्पताल के डॉक्टरों के सर्वोत्तम प्रयासों और पूरे भारत में लोगों से मिली दुआओं और प्रार्थनाओं के बावजूद निधन हो गया है। मैं आप सभी को धन्यवाद देता हूं।'





 



पीएम ने शेयर की पैर छूते तस्वीर 



पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर पीएम मोदी ने शोक जताया है। उन्होंने मुखर्जी के पैर छूते हुई तस्वीर साझा की है। पीएम ने इसके साथ लिखा, 'प्रणब मुखर्जी ने हमारे राष्ट्र के विकास के लिए एक अमिट छाप छोड़ी है। एक विद्वान सम उत्कृष्टता, एक राजनीतिज्ञ। साल 2104 में जब मैं दिल्ली गया तब पहले दिन से ही मुझे उनका मार्गदर्शन, समर्थन और आशीर्वाद मिला। ओम शांति।



 





संत की तरह की भारत माता की सेवा - राष्ट्रपति



भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि देते हुए उनके देहावसान को एक युग की समाप्ति बताया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'मुखर्जी के स्वर्गवास के बारे में सुनकर ह्रदय को आघात पहुंचा है। सार्वजनिक जीवन में विराट कद हासिल करने वाले प्रणब दा ने भारत माता की सेवा एक संत की तरह की। देश के एक विलक्षण सपूत के चले जाने से समूचा राष्ट्र शोकाकुल है।'



 





नेपाल ने खोया महान दोस्त - नेपाली पीएम



पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर नेपाली पीएम केपी शर्मा ओली ने भी शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'प्रणब मुखर्जी के निधन की खबर सुनकर मुझे गहरा दुख हुआ है। उनके निधन से नेपाल ने अपना एक महान दोस्त खो दिया है। हमें उनके सार्वजनिक जीवन के दौरान नेपाल-भारत संबंधों को मजबूत करने में उनका योगदान याद है।



 





कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी शोक जताते हुए ट्वीट किया, 'बहुत दुख के साथ, देश को हमारे पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी के दुर्भाग्यपूर्ण निधन की खबर मिली। मैं उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए देश के साथ शामिल हुआ। शोक संतप्त परिवार और मित्रजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदना।'



 





 



वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लिखा, 'भारत के पूर्व राष्ट्रपति, भारत रत्न श्री प्रणब मुखर्जी जी के निधन पर गहरा दुख हुआ। वह एक बहुत ही अनुभवी नेता थे, जिन्होंने पूरी निष्ठा के साथ देश की सेवा की। प्रणब दा का प्रतिष्ठित करियर पूरे देश के लिए गर्व की बात है।'



 





 



बता दें कि एक स्वतंत्रता सेनानी के बेटे से लेकर प्रणब मुखर्जी का राष्ट्रपति बनने का सफर काफी चुनौतीपूर्ण रहा है। उन्होंने ही ही अपने कार्यकाल के दौरान राष्ट्रपति के लिए महामहिम शब्द का प्रचलन समाप्त करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था।