नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पूर्व एलजी गिरीश चंद्र मुर्मू अब देश के महालेखा परीक्षक होंगे। उनकी नियुक्ति सीएजी के पद पर होगी। मुर्मू शनिवार को राष्ट्रपति भवन में इस पद की शपथ लेंगे। मुर्मू राजीव महर्षि की जगह लेंगे।   



जम्मू कश्मीर के एलजी के पद से इस्तीफा देने के बाद गिरीश चंद्र मुर्मू अब देश के महालेखा परीक्षक के तौर पर बागडोर संभालेंगे। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार देर शाम मुर्मू के सीएजी के पद पर नियुक्ति होने की जानकारी दी। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार शाम को अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि राष्ट्रपति ने संविधान में वर्णित अनुच्छेद 148(1) में प्रदत्त अधिकारों का उपयोग कर गिरीश चंद्र मुर्मू को नया सीएजी नियुक्त किया है। मुर्मू ने बुधवार 5 जुलाई को जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल के पद से इस्तीफा दे दिया था। जम्मू कश्मीर के नए उपराज्यपाल के तौर पर पूर्व रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा नियुक्त किए गए हैं।  



गिरीश चंद्र मुर्मू राजीव महर्षि की जगह लेने जा रहे हैं। राजीव महर्षि 2017 में देश के महालेखा परीक्षक के पद पर नियुक्त हुए थे। वे अगले हफ्ते इस पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। लिहाज़ा महालेखा परीक्षक के पद की जिम्मेदारी मुर्मू को सौंपी गई है। 





पीएम मोदी के खास माने जाते हैं मुर्मू 



गिरीश चंद्र मुर्मू प्रधानमंत्री के खास माने जाते हैं। उनकी गिनती मोदी के सबसे बड़े सिपहसलारों में की जाती है।जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे तब मुर्मू उनके प्रधान सचिव हुआ करते थे। इतना ही नहीं मोदी का मुर्मू पर विश्वास कितना कायम है, वह इस बात से समझा जा सकता है कि मोदी के मुख्यमंत्री रहते समय राज्य सरकार की सभी प्रमुख परियोजनाओं का ज़िम्मा मुर्मू के ही जिम्मे हुआ करता था। पिछले वर्ष जब केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटाकर जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला किया तब केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल के पद पर नियुक्ति गिरीश चंद्र मुर्मू की थी। 60 वर्षीय गिरीश चंद्र मुर्म 1985 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस रहे हैं।