नई दिल्ली। इंटररेट के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर लोगों की डेटा प्राइवेसी आज के दौर में चर्चा के गंभीर विषयों में से एक है। इसी बीच गूगल ने संसदीय स्थाई समिति के समक्ष यह बात स्वीकारी है कि उसके कर्मचारी गूगल असिस्टेंट और यूजर की बीच बातचीत को सुनते हैं। गूगल ने यह बात मंगलवार को शशि थरूर की अध्यक्षता वाली सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थाई समिति को बताई।

संसद की स्थाई समिति ने मंगलवार को फेसबुक और गूगल के प्रतिनिधियों को चर्चा के लिए बुलाया था। इस चर्चा में गूगल की तरफ से अमन जैन और गीतांजलि दुग्गल शामिल हुईं। इस दौरान गूगल के प्रतिनिधियों ने समिति को बताया कि जब कोई यूजर अपने फोन में गूगल से जानकारी लेने के लिए Ok Google की मदद लेता है, इसकी रिकॉर्डिंग गूगल के कर्मचारी सुन सकते हैं। 

हालांकि गूगल के प्रतिनिधियों ने अपना बचाव करते हुए कहा कि गूगल यूजर्स की संवेदनशील जानकारी की रिकॉर्डिंग को नहीं सुनता। लेकिन गूगल ने यह नहीं बताया कि वो जानकारी में भेद कैसे करता है। इस मसले पर संसद की स्थाई समिति के सदस्यों ने गूगल का जमकर घेराव किया। 

समिति के सदस्य बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने गूगल से वर्चुअल असिस्टेंट से जुड़ा सवाल किया था। सांसद के जवाब में गूगल ने कहा कि जब यूजर्स इसका उपयोग नहीं भी करते तब भी उनकी बातचीत को रिकॉर्ड किया जाता है। गूगल द्वारा बताई गई इन बातों को लेकर समिति के एक सदस्य ने कहा कि गूगल द्वारा यह बताने के बाद यह समझना मुश्किल नहीं है कि आखिर क्यों होटल और रेस्टोरेंट के बारे में पूछने भर के बाद ही हमें डील्स और ऑफर्स क्यों आने लगते हैं। 

मीडिया रिपॉट्स में सूत्रों के हवाले से बैठक के बारे में बताते हुए कहा गया है कि संसदीय स्थाई समिति गूगल द्वारा दी गई इन जानकारियों से चिंतित है, और इसे एक गंभीर विषय मान कर चल रही है। जल्द ही समिति इस मसले पर सरकार को सुझाव भी देने वाली है।