चीन की 59 एप पर बैन लगाने के बाद भारत सरकार ने अब मेड इन इंडिया एप को प्रोत्साहन देने की घोषणा की है। सरकार देश में अलग-अलग तरह के विश्वस्तरीय एप विकसित करने के लिए उद्यमियों को प्रोत्साहित करेगी। इसके लिए उसने एक प्रोग्राम शुरू किया है। इसका नाम है 'आत्‍मनिर्भर भारत एप इनोवेशन चैलेंज'। इसके तहत एक मजबूत ईकोसिस्‍टम तैयार किया जाएगा। साथ ही भारतीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र के उद्यमियों और स्टार्टअप्स को एप विकसित करने के साथ उसके प्रचार प्रसार को बढ़ावा देने में मदद की जाएगी।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने घोषणा की है कि नीति आयोग के साथ मिलकर दो चरणों में यह प्रोग्राम चलाएगा। मंत्रालय ने बयान में कहा, ''भारतीय एप को समर्थन और उसके लिए एक मजबूत ईकोसिस्‍टम बनाने के लिए अटल इनोवेशन मिशन-नीति आयोग के साथ भागीदारी में भारतीय प्रौद्योगिकी उद्यमियों और स्टार्टअप्स के लिए डिजिटल इंडिया आत्मनिर्भर भारत एप इनोवेशन चैलेंज शुरू किया है।''

इस कार्यक्रम का पहला चरण चार जुलाई से शुरू हुआ है। इसके तहत पहले से इस्तेमाल हो रहे ऐसे सर्वश्रेष्ठ भारतीय एप की पहचान की जाएगी, जिसमें अपने संबंधित क्षेत्र में विश्वस्तरीय एप बनने की क्षमता है। पहला चरण एक माह में पूरा होने की उम्मीद है।

इसके दूसरे चरण के तहत भारतीय स्टार्टअप्स, उद्यमियों और कंपनियों की पहचान की जाएगी। उन्हें आइडिएशन, इनकुबेशन, प्रोटोटाइपिंग और एप पेश करने के लिए बढ़ावा दिया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि इस कार्यक्रम का दूसरा चरण अधिक लंबा चलेगा। इसका ब्योरा बाद में अलग से साझा किया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत आठ श्रेणियों - सोशल नेटवर्किंग, ई-लर्निंग, मनोरंजन, हेल्‍थ और वेलनेस, बिजनेस जिसमें एग्रीटेक, फिनटेक, समाचार और गेम्स शामिल हैं, में एप विकसित करने पर ध्यान दिया जाएगा। मंत्रालय ने माईगव वेबसाइट के जरिये प्रविष्टियां भेजने की अंतिम तारीख 18 जुलाई तय की है। बयान में कहा गया है कि निजी और अकादमिक क्षेत्र के विशेषज्ञों की ज्यूरी प्रविष्टियों का आकलन करेगी। चुने गए एप को पुरस्कृत किया जाएगा। साथ ही नागरिकों को सूचना के लिए इन्हें लीडर बोर्ड पर भी डाला जाएगा।