जयपुर। राजस्थान प्रशासन ने 1 नवम्बर को प्रस्तावित गुर्जर आंदोलन को लेकर अलर्ट जारी किया है। जयपुर संभागीय आयुक्त सोमनाथ मिश्रा ने शुक्रवार को एक आदेश जारी कर जयपुर जिले की तहसील कोटपुतली, पावटा, शाहपुरा, विराटनगर और जमवारामगढ़ में 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद रखने का आदेश जारी किया है। संभागीय आयुक्त ने जयपुर के अलावा भरतपुर और करौली में भी इंटरनेट सेवाएं बंद रखने के आदेश जारी किए हैं। आयुक्त द्वारा जारी आदेश के अनुसार 30 अक्टूबर शाम 6 बजे से 31 अक्टूबर शाम 6 बजे तक इन इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी।
सरकार ने गुर्जर बाहुल्य इलाकों में विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। क्योंकि राजस्थान में गुर्जर नेताओं ने आरक्षण की मांग को लेकर 1 नवम्बर को बंद का एलान किया है। गुर्जर समाज का सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप है।
पिछली बार की तरह इस बार भी आंदोलन की शुरुआत भरतपुर जिले के बयाना के पास पीलूपुरा से की जाएगी जो कि पूर्वी राजस्थान में आता है। गुर्जर समाज के लोग इस इलाके में बड़ी संख्या में है।
2G/3G/4G data services, bulk SMS/MMS & social media through internet (except voice calls & broadband internet) suspended for 24 hrs from 6 pm today in Kotputli, Pawta, Shahpura, Viratnagar & Jamwa Ramgarh in view of Gurjar community agitation on Nov 1 over reservation.#Rajasthan pic.twitter.com/KSYMCDChRi
— ANI (@ANI) October 30, 2020
आपको बता दे गुरुवार को दौसा के आभानेरी में गुर्जर समाज के नेताओं ने अपनी बैठक में इस बात के संकेत दिया है कि कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर स्थित पीलूपुरा में जाम किया जाएगा। इसके अलावा अन्य नेता दौसा में आगरा-बीकानेर राजमार्ग पर स्थित सिकंदरा चौराहा पर सड़क मार्ग जाम करेंगे। राजस्थान में गुर्जर बाहुल्य जिलों में करौली, भरतपुर, सवाई माधोपुर, दौसा और धौलपुर जिला शामिल है।
गुर्जरों की प्रमुख मांग, मोस्ट बैकवर्ड क्लास आरक्षण को केंद्र की 9वीं अनुसूची में शामिल कराना, बैकलॉग भर्तियां निकालना और प्रक्रियाधीन भर्तियों में पांच फीसदी आरक्षण है। इसके अलावा एमबीसी कोटे में भर्ती 1,252 कर्मचारियों का नियमितीकरण, पहले हुए गुर्जर आंदोलनों में मारे गए युवाओं के परिजनों को नौकरी और मुआवजा देना और आंदोलनों के दौरान दर्ज मुकदमों की वापसी उनकी प्रमुख मांग है।
2006 में पहली बार गुर्जर आंदोलन हुआ था जिसके बाद अब तक राजस्थान में गुर्जरों ने आरक्षण के लिए कई बार आंदोलन किए हैं। यह आंदोलन 2019 में बहुत ही हिंसक हो गया था।