गुवाहाटी। असम में बाल विवाह को लेकर कार्रवाई के संबंध में गुवाहाटी हाई कोर्ट ने राज्य की हिमंता बिस्वा सरमा सरकार को खूब खरी खोटी सुनाई। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के इस कदम को गलत करार देते हुए कहा कि सरकार के इस कदम से लोगों के जीवन बर्बाद हो रहे हैं। हाई कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए पूछा कि क्या ये कोई रेप केस है जो राज्य सरकार इस तरह से लोगों को हिरासत में ले रही है? 

बुधवार को बाल विवाह के खिलाफ असम सरकार की कार्रवाई को लेकर दायर की गई याचिका पर गुवाहाटी हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान गुवाहाटी हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि क्या ये कोई रेप केस है जो राज्य सरकार इस तरह से लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है? 

हाई कोर्ट ने कहा कि ये ऐसे मामले नहीं हैं कि लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जाए। जब तक कोई दोषी करार नहीं दिया जाता तब तक ऐसी कार्रवाई करना अनुचित है। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार के इस फैसले से लोगों के जीवन बर्बाद हो रहे हैं। सरकार को यह सोचना चाहिए कि परिवार में औरतें, बच्चे और बुज़ुर्ग भी होते हैं। 

दरअसल पिछले दस दिनों से असम की सरकार बाल विवाह के आरोप में लोगों को हिरासत में ले रही है। लेकिन असम की पुलिस लोगों को गिरफ्तार करने के साथ साथ कई लोगों पर Posco एक्ट के तहत भी मुकदमा दर्ज कर रही है। क्योंकि इस मामले में बहुत से ऐसे लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है जोकि नाबालिग नहीं हैं। हाई कोर्ट ने आज नौ लोगों को गिरफ्तारी से पहले जमानत देते हुए कहा कि इन मामलों में हिरासत में लेकर लोगों से पूछताछ करने की ज़रूरत नहीं है। असम की सरकार पर एक समुदाय विशेष के खिलाफ कार्रवाई करने के आरोप भी लग रहे हैं।