चंडीगढ़। केंद्र सरकार के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ हो रहे किसानों के आंदोलन में अब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को खालिस्तानी तत्वों का हाथ नज़र आने लगा है। कट्टर इससे पहले कांग्रेस पर किसानों को भड़काने का आरोप भी लगा चुके हैं। लेकिन अब तो उन्होंने अपनी परेशानी लेकर देश की राजधानी में आने वाले किसानों पर एक बेहद गंभीर आरोप लगा डाला है। इसके साथ ही खट्टर ने ये भी कहा है कि आंदोलन में हरियाणा के नहीं सिर्फ पंजाब के किसान शामिल हैं और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का कार्यालय ही इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है।



हरियाणा के भाजपाई मुख्यमंत्री ने ख़ुफ़िया इनपुट के हवाले से दावा किया कि किसानों के प्रदर्शन में खालिस्तानी तत्वों के शामिल होने का शक है। उन्होंने दावा किया कि इस बारे में और सबूत मिलने पर वो पूरा खुलासा करेंगे।पत्रकारों से बातचीत के दौरान मनोहर लाल कट्टर ने कहा, 'हमारे पास इनपुट है कि कुछ अवांछित तत्व इस भीड़ के अंदर आए हुए हैं। हमारे पास इसकी रिपोर्ट्स है। अभी उसका खुलासा करना ठीक नहीं है, लेकिन जैसे ही पुख्ता प्रमाण मिलेगा हम बताएंगे। उन्होंने सीधे नारे लगाए हैं, जो उनके बीच से ऑडियो-वीडियो वायरल हुए हैं कि हम इंदिरा गांधी को ये कर सकते हैं, तो मोदी को क्यों नहीं कर सकते। एक बार इस समस्या का हल निकले तो सारी चीजें खुलकर सामने आएंगी।' 





आपको बता दें कि देश भर के किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के हाल ही में बनाए कृषि क़ानूनों को किसान विरोधी बताते हुए उनके ख़िलाफ़ दिल्ली में आंदोलन का एलान किया है। इस आंदोलन का सबसे ज़्यादा असर पंजाब और हरियाणा में दिख रहा है। लेकिन उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड से लेकर मध्य प्रदेश और दक्षिण भारत समेत तमाम राज्यों में इस आंदोलन का असर देखने को मिला है। हालांकि बीजेपी नेता लगातार इस आंदोलन को विपक्ष, ख़ासतौर पर कांग्रेस के भड़काने का असर बताकर ख़ारिज करने में लगे रहते हैं, लेकिन खट्टर का इस आंदोलन को सीधे खालिस्तानियों से जोड़ना एक वाक़ई नया और ख़तरनाक एंगिल हो सकता है।