अंबाला। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज को अपने ही गोद लिए गांव में लोगों की नाराज़गी झेलनी पड़ी। अंबाला के पंजोखरा गांव में अनिल विज को किसानों ने काले झंडे दिखाए। अनिल विज सोमवार को गुरु पर्व के अवसर पर गांव के गुरुद्वारे में मत्था टेकने गए थे। 

अनिल विज मत्था टेकने के बाद जब गांव से वापस जाने लगे तो उनका विरोध शुरू हो गया। गांव के किसानों ने गृह मंत्री को काले झंडे दिखाने शुरू कर दिए। लोगों ने उनकी कार को घेरकर जमकर नारेबाजी करनी शुरू कर दी। गृह मंत्री अनिल विज के सुरक्षाकर्मियों ने बड़ी मशक्कत के बाद उन्हें वहां से निकाला। 

मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का उल्लेख है कि किसानों ने गांव में आने वाले भाजपा और जजपा नेताओं का विरोध करने का फैसला लिया है। वहीं हंगामे के दौरान किसानों और पुलिस वालों के बीच टकराव भी हुआ। किसानों ने पुलिस वालों पर अभद्र व्यवहार करने के आरोप भी लगाए।

उधर, मंत्री विज का कहना है कि किसान आंदोलन अब खत्म होना चाहिए। बातचीत करके किसानों की समस्या का समाधान किया जाना चाहिए। किसानों के लिए यह अब सम्मान का विषय बन गया है, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्हें कृषि कानूनों को लेकर बहकाया जा रहा है।

गौरतलब है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर दावा करते रहे हैं कि किसान आंदोलन पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के इशारों पर हो रहा है, जिसमें हरियाणा के किसान शामिल नहीं हैं। ये पूरी तरह पंजाब का मसला है। यहां तक कि उन्हें किसान आंदोलन में खालिस्तानी तत्वों का हाथ भी दिखने लगा था। लेकिन खट्टर सरकार के गृहमंत्री को अपने ही गोद लिये गांव में जिस तरह के विरोध का सामना करना पड़ रहा है, उससे साफ़ है कि खट्टर को किसानों की नाराज़गी का या तो कोई अंदाज़ा नहीं है या फिर वे जानबूझकर उसे अलग मोड़ देने की कोशिश करते हैं।