हाथरस। हाथरस कांड के पीड़ित परिवार ने अपना केस उत्तर प्रदेश से बाहर ट्रांसफर किए जाने की मांग की है। साथ ही उन्होंने मामला पूरी तरह खत्म हो जाने तक परिवार को सुरक्षा मुहैया कराए जाने और सीबीआई की जांच रिपोर्ट को गोपनीय रखने की मांग भी की है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में पेशी के बाद पीड़ित परिवार देर रात तक कड़ी सुरक्षा के बीच घर लौट आया। परिवार ने यह भी कहा है कि उनकी बेटी की अस्थियों का विसर्जन तब तक नहीं किया जाएगा, जब तक उन्हें इंसाफ नहीं मिल जाता। 

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच में हाथरस केस की सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट में पीड़ित परिवार ने अदालत के सामने अपनी यह शिकायत भी रखी कि पुलिस-प्रशासन ने किस तरह उनकी बेटी के शव को उनकी इजाजत के बिना ही जबरन जला डाला। पीड़ित परिवार ने कोर्ट में अपनी बेटी का अंतिम संस्कार रात में किए जाने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें नहीं पता किसका अंतिम संस्कार किया गया है।

पीड़ित परिवार के बयान के बाद हाईकोर्ट में हाथरस के डीएम ने कहा कि पीड़िता के रात में अंतिम संस्कार का फैसला स्थानीय प्रशासन का था। इसके लिए ऊपर से कोई निर्देश नहीं था। शव खराब होने की आशंका के चलते रात में अंतिम संस्कार का फैसला लिया गया था। आपको बता दें कि पीड़िता के माता- पिता समेत पांच परिजन सोमवार की सुबह ही कड़ी सुरक्षा में हाथरस से लखनऊ के लिए रवाना हुए थे। दोपहर को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई के बाद वे देर रात अपने गांव लौट आए।