लखनऊ। यूपी पुलिस ने दावा किया है कि हाथरस कांड में गैंगरेप नहीं हुआ है। एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने कहा कि एफएसएल की रिपोर्ट में पीड़िता से रेप होने की बात सामने नहीं आई है। प्रशांत कुमार ने कहा कि उन लोगों पर कार्रवाई की जाएगी जिन्होंने जातिगत तनाव पैदा करने के लिए गलत सूचना फैलाने की कोशिश की। दूसरी तरफ, मीडिया में पीड़िता का बयान वायरल हो रहा है जिससे पुलिस की बात गलत साबित हो रही है। कांग्रेस ने भी हाथरस के डीएम का एक वीडियो ट्वीट किया है जिसमें वे पीड़िता के पिता को सरकार की बात मान लेने के लिए कह रहे हैं। 



एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने कहा कि एफएसएल रिपोर्ट को आगे की जांच के लिए भेजा गया है। 22 सितंबर के बयान के बाद तीन और आरोपी गिरफ्तार किए गए थे। बाद में पीड़िता को सफदरजंग अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था।  



युवती ने दम तोड़ने से पहले पुलिस के सामने जो बयान दिया उसके आधार पर दर्ज एफआईआर में आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप की धारा लगाई गई है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत की वजह गले की हड्डी टूटना बताई गई है। इस कारण रेप की धारा कम हो सकती है। 





पुलिस के बयान की पोल खोलता पीड़िता का एक वीडियो न्यूज़ चैनल आजतक ने दिखाया है। दूसरी तरफ, कांग्रेस ने योगी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए एक वीडियो ट्वीट किया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने लिखा है कि हाथरस के डीएम का सुनिए हाथरस के DM ने लड़की के पिता से क्या कहा: मीडिया आज यहॉं है, कल नहीं रहेगी। सब चले जाएंगे। आप सरकार की बात मान लो, शर्मनाक। ये धमकी नहीं तो क्या है?





हाथरस जिले के डीएम प्रवीन लक्षकार के इस वायरल वीडियो में वे पीड़ित परिवार को धमकाते दिखाई दे रहे हैं। डीएम कह रहे हैं कि अपनी विश्वसनीयता बनाए रखिए। मीडिया आज यहां है, कल नहीं रहेगा। सब चले जाएंगे। आप सरकार की बात मान लो। आप बार-बार बयान बदलकर ठीक नहीं कर रहे हैं। आपकी क्या इच्छा है। क्या पता कल हम ही बदल जाएंगे। हालांकि, डीएम ने गुरुवार शाम को सफाई देते हुए कहा है कि मुझे आज पता चला कि पीड़ित परिवार किसी बात पर खुश नहीं है। इसको लेकर मैं आज उनसे फिर मिलने गया था। मैंने उनकी नाराजगी जानने की कोशिश की। जो निगेटिव और गलत खबरें चलाई जा रही हैं, मैं उनका खंड़न करता हूं।



इससे पहले अपर पुलिस महानिदेशक ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच के लिए विशेष अनुसंधान दल गठित किया। मेडिकल रिपोर्ट आने से पहले ही सरकार के खिलाफ गलत बयानी की गई और पुलिस की छवि को खराब किया गया। हम पड़ताल करेंगे कि यह सब किसने किया। यह एक गंभीर मामला है और सरकार तथा पुलिस महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों को लेकर बेहद संजीदा है।